1932 के बाद पेसा कानून की तैयारी में हेमंत सरकार! विधान सभा के अगले सत्र में आ सकता है बिल

पेसा कानून पारित होने के बाद कॉरपोरेट घरानों के लिए आदिवासी-मूलवासियों की जमीनों पर कब्जा करना मुश्किल होने वाला है, तब सब कुछ ग्राम पंचायत के हाथों में होगा, ग्राम पंचायत की मर्जी के बिना एक पत्ता नहीं हिलेगा. ग्राम पंचायत यानि गांव की सरकार.

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