मांझी की ‘आहत भावना’ में दिखने लगा चिराग! संकटग्रस्त बिहार में भाजपा के लिए खेवनहार बन कर सामने आये जीतन राम

अब सोचना जीतन राम मांझी को है, वह इस कथित आहत भावना की पूर्णाहुति किस रुप में चाहते हैं. वह इस आहत भावना का सदुपयोग दलितों के सामाजिक राजनीतिक सशक्तीकरण में करना चाहते हैं या भाजपा के हाथों महज एक सियासी मोहरा बन पिछड़ों की राजनीति को कुंद करने की हसरत पालते हैं.

मांझी की ‘आहत भावना’ में दिखने लगा चिराग! संकटग्रस्त बिहार में भाजपा के लिए खेवनहार बन कर सामने आये जीतन राम