Patna- विधान सभा मार्च के दौरान एक भाजपा कार्यकर्ता की मौत से बैकफुट पर जाती दिख रही महागठबंधन ने एक बार फिर से पटलवार किया है. महागठबंधन की ओर से पूरे मामले की जांच की मांग करते हुए दावा किया गया है कि यह नीतीश सरकार को बदनाम करने की गहरी साजिश है, नहीं तो अपने आप को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बताने वाली पार्टी के नेताओं के हाथ में मिर्ची का पाउडर नहीं होता, पुलिस बलों पर पत्थरबाजी नहीं की जाती, अब भाजपा की कोशिश अपने कार्यकर्ता की मौत की पर सहानुभूति हासिल करने की होगी, इसलिए बेहद जरुरी है कि इस बात की जांच की जाये इन प्रदर्शनकारियों के हाथ में मिर्ची का पाउडर किसके इशारे पर दिया गया था, जिसके कारण दर्जनों पुलिस कर्मियों की आंखें चौंधियाई, और बचाव में उन्हे आखिरकार लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा.
जदयू ने एक प्रत्यक्षदर्शी का बयान किया शेयर
वहीं जदयू की ओर से एक प्रत्यक्षदर्शी का बयान अपन ट्वीटर अकाउंट पर शेयर किया गया है, जिसमें प्रत्यक्षदर्शी यह दावा कर रहा है कि “जहां विरोध प्रदर्शन का आयोजन था, उससे पहले ही मची भगदड़ की वजह से हमारे एक साथी वहीं गिर गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गयी, ठीक यही दावा मृतक के भाई के द्वारा भी किया जा रहा है. इधर कथित रुप से भाजपा नेता की पुलिस लाठीचार्ज में मौत के बाद भाजपा का फोकस बदलता हुआ प्रतीत हो रहा है, अब उसके निशाने पर तेजस्वी के बदले खुद सीएम नीतीश आ चुके हैं. यही कारण है कि बिहार भाजपा की ओर से इस मामले का सीधा जिम्मेवार सीएम नीतीश को बताया जा रहा है, और उनसे इस्तीफे की मांग की जा रही है.
लोजपा सुप्रीमो ने नीतीश को बनाया निशाना
इस बीच लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने कहा कि पहले छात्र फिर शिक्षक अभ्यर्थी और कल किसान सलाहकारों के बाद आज भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करना नीतीश कुमार जी के तानाशाही रवैया को दर्शाता है. मुख्यमंत्री जी यह दुखद व बेहद शर्मनाक है कि जो अपने अधिकार की मांग कर रहे हो उनपर आप लाठियां चलाते है.विधायकों को सदन से बाहर फेंकवाते है, क्या आपके पास हर समस्या का समाधान सिर्फ लाठी है? यह महाजंगलराज नहीं तो और क्या है?
4+