आजादी का अमृत काल और भारत रत्न का सूखा! जयपाल सिंह मुंडा से लेकर दिशोम गुरु की उपेक्षा से उभरते सवाल

आखिर क्या कारण है कि भारतीय संविधान सभा में एकलौता आदिवासी चेहरा मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा कब तक इस सम्मान से वंचित किये जाते रहेंगे, आखिर कब इस सूची में रामदयाल मुंडा और दिशोम गुरु का नाम खोजने के लिए हमारा आदिवासी समाज कब तक इस सूची को उपर से नीचे तक निहारने को अभिशप्त होगा, यह महज एक सामाजिक त्रासदी है, या इसके पीछे एक सियासत भी है, जो आज भी इन वंचित समूहों को हिकारत भरी नजरों से देखता है, या इसकी जरुरत उसे तब ही नजर आती है, जब इनके सम्मान से उनकी सियासत का जायका बदलता है. 

आजादी का अमृत काल और भारत रत्न का सूखा! जयपाल सिंह मुंडा से लेकर दिशोम गुरु की उपेक्षा से उभरते सवाल