पटना(PATNA)- जॉर्ज वांशिंगटन यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री, तीन-तीन विषयों में मास्टर डिग्री, सोशल मीडिया, डाटा साइंस और पॉलिसी मामले में महारत, कुल मिलाकर बिहार जैसे राज्य में शाश्वत की इमेज एक प्रतिभाशाली छात्र की है. आज जैसे ही लालू यादव की उपस्थिति में शाश्वत गौतम ने राजद का दामन थामा इस बात की चर्चा तेज हो गयी कि शाश्वत और तेजस्वी की यह जोड़ी राजद की पूरी इमेज को बदल सकती है और इसी रणनीति के तहत राजद सुप्रीमो ने यह कार्ड खेला है.
तेजस्वी के नेतृत्व में राजद को बदलने की मुहिम तेज है
दरअसल जब से तेजस्वी यादव ने राजद का बागडोर संभाला है, उनकी पूरी कोशिश राजद के पंरपरागत इमेज को बदलने की रही है, यही कारण है कि राजद के बड़े बड़े सुरमें आज किनारे किये जा चुके हैं, और उनकी जगह पढ़े लिखे और तेज तर्रार युवाओं की फौज खड़ी की जा रही है, शाश्वत गौतम भी उसी कड़ी का एक हिस्सा हैं.
राजनीतिक सामाजिक जीवन में दलित- पिछड़ों की बढ़ती भागीदारी ही भाजपा का जंगलराज
यहां ध्यान रहे कि राजद अपने आप को सामाजिक न्याय का झंडाबरदार बताती है, पिछड़े दलित और वंचित समाज की लड़ाई लड़ने का दावा करती है, लेकिन इसके उलट भाजपा बार बार जंगलराज की राग अलापती रहती है, हालांकि राजद की ओर पलटवार करते हुए यह सवाल बार बार दागा जाता है कि क्या पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक का सत्ता में आना ही जंगलराज है. लालू के पहले बिहार की राजनीति में दलित पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की भागीदारी कितनी थी. क्या उनकी बढ़ती राजनीतिक और सामाजिक हैसियत ही जंगलराज है. और यही भाजपा के पेट दर्द की असली वजह है.
तेजस्वी की प्लानिंग का हिस्सा है शाश्वत
लेकिन अब राजद इस दावे से आगे जाकर हाईटेक और विदेशी डिग्री लेकर लौटे युवाओं को अपने साथ खड़ी कर यह संदेश देने चाहती है कि बिहार का सबसे पढ़ा लिखा तबका भी उसके साथ खड़ा है, जानकारों का मानना है कि भले ही शाश्वत का राजद में इंट्री लालू के हाथों हुई हो, लेकिन उसकी पूरी रुप रेखा तेजस्वी यादव के हाथों तैयार की गयी है, और 2024 के पहले शाश्वत को एक बड़ी जिम्मेवारी सौंप कर हाईटेक युवाओं को एक बड़ा मैसेज दिया जा सकता है.
जॉर्ज वांशिंगटन यूनिवर्सिटी में छात्र संघ का चुनाव जीतने वाले पहले विदेशी छात्र हैं शाश्वत
यहां बता दें कि शाश्वत गौतम जॉर्ज वांशिंगटन यूनिवर्सिटी में छात्र संघ का चुनाव जीतने वाले अब तक के एकमात्र विदेशी छात्र हैं. पूर्वी चंपारण के चइता गांव के रहने वाले शाश्वत जॉर्ज वांशिंगटन यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अब तक विभिन्न दलों के साथ काम कर चुके हैं. राहुल गांधी के साथ ही वह सीएम नीतीश की टीम का भी हिस्सा रहे हैं, शाश्वत गौतम ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर डाटा चोरी का आरोप लगा कर सननसी फैला दिया था और धारा 420 के तहत पटना के पाटलिपुत्र थाने में मुकदमा भी दायर करवाया था. इसके साथ ही शाश्वत ने प्रशांत किशोर की शैक्षणिक योग्यता भी सवाल खड़ा किया था. उनकी डिग्री को नकली बताया था.
बताया जाता है कि कांग्रेस से शाश्वत की दूरी की वजह उनकी राजनीतिक महात्वाकांक्षा थी, शाश्वत की इच्छा मधुबन विधान सभा से चुनाव लड़ने की थी, लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं थी, जिसके बाद उन्होंने आज राजद का दामन थाम लिया, माना जाता है कि राजद उन्हे मधुबन से अपना उम्मीदवार बना सकती है.
समाजवादी पृष्ठभूमि से आता है शाश्वत का पूरा परिवार
हालांकि शाश्वत आज भी इस बात को दुहराते हैं कि उनकी पूरी पारिवारिक पृष्ठभूमि समाजवादी रही है. उनके चाचा, पिता और दादा सभी कांग्रेसी रहे हैं, कांग्रेस के साथ उनका पुराना रिश्ता रहा है. अब जबकि साश्तव राजद का दामन थाम चुके हैं, माना जाता है कि पॉलिसी, डाटा और सोशल मीडिया हैंडलिंग में उनकी कार्यकुशलता का लाभ इंडिया गठबंधन को मिलेगा और धारदार तरीके से भाजपा को घेरने का काम करेंगे. वैसे भी इंडिया गठबंधन को भाजपा के मुकाबले अपने सोशल मीडिया ग्रुप को खड़ा करने के लिए प्रतिभाशाली छात्रों की बेहद जरुरत है.
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