रांची(RANCHI)- होटवार जेल में बंद ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित अभियंता वीरेन्द्र राम के खिलाफ ईडी ने राज्य सरकार से पीसी एक्ट (भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम) के तहत मुकदमा दायर करनी की अनुशंसा की है. मनी लांड्रिंग के आरोप में वीरेन्द्र राम को 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उसके साथ लम्बी पूछताछ के बाद बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारगार भेज दिया गया था, तब से वीरेन्द्र राम होटवार जेल में ही बंद है.
रांची, पटना, जमशेदपुर और दिल्ली में फैला है वीरेन्द्र राम का साम्राज्य
ईडी का दावा है कि वीरेन्द्र राम के द्वारा पद का दुरुपयोग कर अकूत संपत्ति खड़ी की गयी थी. ग्रामीण विकास विभाग के टेंडरों में भी गड़बड़ी की शिकायत आयी है, वीरेन्द्र राम यह सारे टेंडर अपने करीबियों को ही दिलवाता था और उसके बदले में भारी भरकम राशि की उगाही होती थी. इसी उगाही के पैसे से रांची, पटना, दिल्ली सहित देश के कई दूसरे हिस्सों में बड़ी-बड़ी हवेलियां खड़ी की गयी थी.
जमशेदुपर स्थित आवास से 40 लाख रुपये नकद और करीबन डेढ़ करोड़ का जेवर जब्त
जबकि जमशेदुपर स्थित उसके आवास से 40 लाख रुपये नकद, एक करोड़ 51 लाख 60 हजार 982 का जेवरात जब्त किया गया था. कुल मिलाकर ईडी के द्वारा अब तक उसकी 39.28 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों को जब्त किया जा चुका है. इसके साथ ही जमशेदपर स्थित उसके चचेरे भाई आलोक रंजन के आवास से 2.67 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है. आलोक रंजन भी फिलहाल जेल में है.
करीबन सौ करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा करने का दावा
दावा किया जाता है कि वीरेन्द्र राम की कुल संपत्ति करीबन 100 करोड़ की है. यह विशाल साम्राज्य उसके द्वारा अपने नजदीकी और दूर के रिश्तेदार के नाम खड़ी की गयी है. अब इन सभी सबूतों को एक साथ नत्थी करते हुए ईडी ने राज्य सरकार से उसके खिलाफ पीसी एक्ट (भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम) के तहत मुकदमा दायर करने की अनुशंसा की है.
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