छोटी-छोटी खुशियों को तरसता सुखराम! विकसित भारत संकल्प यात्रा के बीच भगवान बिरसा के वंशजों की पीड़ा

सुखराम के सुख की चाहत भी बहुत ही छोटी सी है, बस एक छोटा सा घर हो, नून-तेल और लकड़ी की व्यवस्था हो, बीमारी की स्थिति में पेरासिटामोल की गोलियाँ और दूसरे दर्द की दवाईयां हो, बकरी और गाय के लिए चारा हो, लेकिन, हाय रे आजादी!

छोटी-छोटी खुशियों को तरसता सुखराम! विकसित भारत संकल्प यात्रा के बीच भगवान बिरसा के वंशजों की पीड़ा