Patna-महाभारत के युद्ध में जिस प्रकार पांच पांडवों के सामने कौरवों की विशाल सेना खड़ी थी, शक्तिबल और बाहुबल में पांडव कहीं ठहर नहीं रहे थें, लेकिन 18 दिनों के उस विनाशक युद्ध का अंजाम क्या हुआ, बाजी किसके हाथ लगी. युद्ध में सेना की संख्या नहीं, उसका ध्येय माने रखता है, जहां न्याय और धर्म की ताकत होगी, विजयश्री उसके हाथ होगा, राजद की माने तो आज देश हालत आज करीबन-करीबन उसी मुकाम पर खड़ी है.
देश में शबाब पर दुर्योधन का गुणगान, थैली सेठों का अट्टहास
राजद का दावा है कि मीडिया से लेकर सीबीआई, ईडी और दूसरी सभी केन्द्रीय एजेंसियों आज भी दुर्योधन के गुणगान में मग्न है. आज भी पांडव न्याय के साथ जमीन पर खड़े हैं और उनके सामने भाजपा के 303 सांसदों का अहंकार है, इस बात का अट्टहास है कि थैली सेठों की पूरी जमात हमारे साथ खड़ी है, जब चाहे किसी राज्य की सरकार को जमींदोज किया जा सकता है, कर्नाटक से मध्यप्रदेश तक इसी ताकत के बल पर सरकारे बनाई और गिराई गयी है. लेकिन 2024 के महाभारत में ये सारे तीर बुझने वाले हैं. यह जीत और हार का सवाल नहीं है, यह सवाल भारत की आत्मा को बचाने का है, हमारी साझी विरासत और संस्कृति को पुनर्स्थापित करने का है. पिछले नौ वर्षों मे जिस नफरत की दुकान से घृणा और सामाजिक विद्वेष को घर घर तक पहुंचाया गया है, उसके संहार का है.
जन्माष्टमी के अवसर पर तेजस्वी का पोस्टर
दरअसल इन बातों की चर्चा आज यहां इसलिए हो रही है कि क्योंकि जन्माष्टमी के अवसर पर तेजस्वी ने एक पोस्टर जारी कर पीएम मोदी को आज के दौर का दुर्योधन करार दिया है. जिनका सीधा मुकाबला 2024 के महाभारत में तेजस्वी के साथ होना है, उस युद्ध के बाद ना तो दुर्योधन का यह सिंहासन रहेगा और ना ही सीबीआई और ईडी जैसे असुरों का बेलगाम शक्ति, तब भी असुरों को अपनी ताकत पर धमंड था और भी ये सत्ता के गुणगान में चूर हैं. जो हुक्म आका के तर्ज पर विपक्ष को कुचलने की रणनीति बनायी जाती है, कभी इसको तो कभी उसके दहलाने की साजिश रची जाती है.
नौकरी नहीं दूंगा, विरोध किया तो जेल में डाल दूंगा
एक पोस्टर में ‘सूई की नोक जितनी भूमि तक नहीं दूंगा, की तर्ज पर पीएम मोदी यह कहते दिख रहे हैं कि नौकरी नहीं दूंगा, विरोध किया तो जेल में डाल दूंगा, जिसके बाद पोस्टर में बताया गया है कि जो लड़ाई कृष्ण ने लड़ी अब उसी लड़ाई को तेजस्वी अंजाम तक पहुंचाने वाले हैं. तीसरे पोस्टर में द्रौपदी का चिरहरण का दृश्य है, जिसमें महिला खिलाड़ियों के साथ बदसलुकी को सामने लाया गया है, राजद पोस्टर में बड़े बड़े पोस्टर में लिखा है कि याचना नहीं, अब रण होगा, आकांक्षाओं के सच्चे वाहक का जीवन-जय धूर्त कपटियों का मरण होगा.
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