रांची (RANCHI): एक तरफ जहां राष्ट्रीय राजनीति में ‘मूर्खों का सरदार’ और ‘पनौती’ की घूम है तो झारखंड की सियासत में कोहराम मचाने के लिए ‘भोंपू’ की इंट्री हो चुकी है. दरअसल भोंपी की इंट्री सीएम हेमंत ने करवायी है, पूर्व सीएम और वर्तमान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेवारी संभाल रहे बाबूलाल मरांडी को सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड का सबसे बड़ा भोंपू करार दिया है, उन्होंने कहा है कि उनके द्वारा किया जा रहा विकास झारखंड के आम मजदूर, किसान, आदिवासी मूलवासी को दिखलायी तो पड़ रहा है, लेकिन विकास की यह बहार बाबूलाल को दिखलाई नहीं पड़ती, दिन हो या रात, सर्दी हो या गरमी, सुखाड़ हो या बाढ़ बाबूलाल को सिर्फ एक ही राग सुनाई देता है, एक ही चेहरा दिखलायी देता है, वह चेहरा है पीएम मोदी का. इनका भोंपू अनवरत बजता रहता है.
हमें सिर्फ जनता की भलाई पर अपना फोकस बनाये रखना है
आपकी योजना, आपकी सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम के तहत एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम हेमंत ने बाबूलाल पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हे उनके हाल पर छोड़ दीजिये, हम लोग सिर्फ विकास की इस बहार को आगे बढ़ाने में अपनी उर्जा का इस्तेमाल करें. यही हमारा काम है और यही हमारा दायित्व है. जनता ने हमें इसी काम के लिए भेजा है. सीएम हेमंत ने दावा किया कि जैसे ही हम आम लोगों के कल्याण पर अपना फोकस करते हैं, उनकी जिंदगी में बदलाव की रुपरेखा तैयार करते हैं, उसे मटियामेट करने की साजिश की शुरुआत हो जाती है, लेकिन फिक्र नहीं करें, उन्हे उसी मिट्टी में लोटपोट होने के छोड़ दें, यही उनकी किस्मत में लिखा है. भाजपा के लोगों को सूर्पनखा की तरह मुंह फैलाती यह मंहगाई नहीं दिखती, लोगों को एक-एक सिलेंडर तो दे दिया गया.
लोग अपना पेट भरने के बजाय अपनी गाढ़ी कमाई से सिलेंडर का पेट भर रहे हैं
पीएम मोदी पर आरोपों का पिटारा खोलते हुए उन्होंने कहा कि लोगों का पेट भरने की बजाय लोग अब अपनी गाढ़ी कमाई से इस सिलेंडर का पेट भर रहे हैं, देखते-देखते सारे सिलेंडर कूड़ेदान में रख दिया गया, इन्होंने 400 सौं का सिलेंडर की कीमत को 12 सौं के पार कर दिया. जिन-जिन राज्यों में चुनाव होता है, भाजपा और पीएम मोदी वहां चार सौ का सिलेंडर लेकर पहुंच जाते हैं. लेकिन कोई यह भी बताये कि जिन राज्यों में चुनाव नहीं हो रहा है, उस राज्य की जनता का क्या कुसूर है. क्या उनके राज्य में चुनाव नहीं होना उनका कुसूर है. जब पीएम मोदी में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में चार सौ रुपया में सिलेंडर दे सकते हैं, तो वहीं सिलेंडर वह झारखंड बिहार में क्यों नहीं दे सकतें, हर बात पर एक देश एक... का नारा लगाने वाली भाजपा को इसका जवाब देना चाहिए.
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