रांची(RANCHI) हालांकि लोकसभा चुनाव में अभी करीबन एक वर्ष का समय बाकी है, लेकिन विभिन्न दलों की ओर से अपनी-अपनी दावेदारियों का दौर शुरु हो चुका है. कर्नाटक चुनाव में मिली अप्रत्याशित सफलता के बाद कांग्रेस के हौसले भी काफी बुलंद है. उसकी कोशिश झामुमो पर दवाब बनाकर अपने हिस्से में अधिक से अधिक सीटें हथियाने की है, वहीं दूसरी ओर झामुमो कांग्रेस को एक-एक सीट देने के पहले काफी गुना भाग करती दिख रही है.यही दोनों के बीच रस्साकशी की वजह है.
विवाद की मुख्य वजह चाईबासा, हजारीबाग, चतरा और गोड्डा की विधान सभा सीटों को लेकर है. 2019 में चाईबासा लोकसभा की सीट कांग्रेस के हिस्से गयी थी और कांग्रेस की ओर से यहां गीता कोड़ा ने सफलता का परचम भी लहराया था, लेकिन इस बार झामुमो इस सीट खुद ही दावेदारी करती दिख रही है. झामुमो के स्थानीय कार्यकर्ताओं का दावा है कि पिछले पांच वर्षों में गीता कोड़ा यहां सक्रिय नजर नहीं आयी, झामुमो कार्यकर्ताओं को कभी भाव नहीं दिया. इस बार यह सीट कांग्रेस को देने पर इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है.
चाईबासा के बदले कांग्रेस को जमशेदपुर सीट देना चाहती है झामुमो
चाईबासा झामुमो अध्यक्ष सुखराव उरांव का कहना कि पश्चिम सिंहभूम जिला कार्यसमिति की ओर से इस आशय का एक प्रस्ताव केंद्रीय नेतृत्व को भेजा गया है. यहां आम रुप से कार्यकर्ताओं का मानना है कि गीता कोड़ा झामुमो नेताओं के संपर्क में नहीं रहती, जिसके कारण हमारे कार्यकर्ताओं के बीच भारी नाराजगी है. बेतहर होगा कि कांग्रेस चाईबासा की सीट पर अपनी दावेदारी छोड़कर जमशेदपुर सीट से अपनी तैयारी करे.
जबकि गीता कोड़ा का दावा है कि वह लगातार यहां जनता के बीच रहकर जनसंघर्ष के मुद्दों को लेकर सड़क पर संघर्ष करती रही है, हालांकि वह स्वीकार करती है कि इसका फैसला दोनों दलों के शीर्ष नेताओं को लेना है, लेकिन कहीं ना कहीं यहां दोनों दलों के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई है.
गोड्डा से प्रदीप यादव के नाम पर तकरार
इसी तरह गोड्डा सीट को लेकर भी कांग्रेस के अन्दर ही विवाद है. 2019 में यहां से प्रदीप यादव उम्मीदवार थें, हालांकि उन्हे निशिकांत दुबे के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. माना जा रहा था कि इस बार भी कांग्रेस प्रदीप यादव पर अपना दांव लगाने का मन बना रही है, लेकिन जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने यह कह कर सनसनी फैला दी है कि इस सीट पर सिर्फ और सिर्फ कोई अल्पसंख्यक चेहरा भी निशिकांत दुबे को पराजित कर सकता है. उनका इशारा अपने पिता फुरकान अंसारी की ओर है. हालांकि वह अभी खुल कर नाम लेने से परहेज कर रहे हैं.
हजारीबाग सीट पर झामुमो की नजर
हजारीबाग सीट को लेकर भी झामुमो की नजर बनी हुई है, बरही, बरकागांव, हजारीबाग, रामगढ़ मांडू विधान सभा को अपने आप में समेटे इस लोकसभा क्षेत्र से फिलहाल भाजपा के जयंत सिन्हा सांसद है. हालांकि अपने पिता यशवंत सिन्हा के राजनीतिक स्टैंड के कारण जयंत सिन्हा फिलहाल भाजपा में वनवास की स्थिति में है, पिछली बार यहां उनके मुकाबले कांग्रेस का प्रत्याशी था, लेकिन इस बार झामुमो यह सीट अपने हिस्से में चाहती है. इसके साथ ही झामुमो की नजर चतरा सीट पर भी है. जबकि चतरा सीट पर राजद अपना प्रत्याशी उतारना चाहती है.
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