टीएनपी डेस्क(TNP DESK)- कर्नाटक चुनाव में भ्रष्टचार एक बड़ा मुद्दा था, कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की सरकार को 40 फीसदी कमीशन की सरकार बताती थी, कांग्रेस का यह दांव चल गया और पीएम मोदी के धुंआधार प्रचार के बावजूद बसवराज बोम्मई की सरकार जनता का विश्वास मत हासिल करने में कामयाब नहीं हो पायी. लेकिन लगता है कि कांग्रेस अभी भी चुनावी मोड से बाहर आने को तैयार नहीं है. उसकी कोशिश 2024 के लोकसभा के चुनाव के पहले तक भाजपा को इसी 40 फीसदी कमीशन के आरोप में घेरते रहने की है.
भ्रष्टाचार के कीटाणुओं को समाप्त करने का दावा
इसका नजारा सोमवार को विधान सभा के अन्दर देखने को मिला. कांग्रेस पार्टी की ओर से विधान सभा को गंगाजल और गौमूत्र छिड़क कर शुद्धिकरण किया गया. उनका दावा है कि भाजपा शासन काल में विधान सभा के अन्दर भ्रष्टाचार के कीटाणुओं का प्रवेश हो गया था, यह शुद्धिकरण भ्रष्टाचार के उसी कीटाणुओं को समाप्त करने की कोशिश है. ताकि पूरे राज्य से भ्रष्टाचार की कीटाणुओं को मिटाया जा सके.
पूरे राज्य में भ्रष्टाचार की लहर
ध्यान रहे कि इसी साल जनवरी में डीके शिवकुमार ने कहा था कि पूरे राज्य में भ्रष्टाचार की लहर चल रही है, इसकी चपेट में विधानसभा भी आ चुका है, अब समय आ गया है कि विधान सभा को गौमूत्र से सफाई करवायी जाय. भाजपा के भ्रष्टाचार पर हमलावर कांग्रेस ने बसवराज बोम्मई की सरकार का 'भ्रष्टाचार रेट कार्ड' जारी किया था. कांग्रेस का आरोप था कि कर्नाटक में सत्ता में रहते हुए भाजपा ने 1.50 लाख करोड़ रुपए लूटे हैं. इसमें मुख्यमंत्री का हिस्से 2,500 करोड़ था जबकि मंत्री के पद की कीमत 500 करोड़ था. अपने इसी आरोपों के बल पर कांग्रेस जनता का विश्वास हासिल करने में कामयाब रही. लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद भी वह भाजपा के इस कथित भ्रष्टाचार से लड़ने का दावा कर रही है.
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