TNPDESK- बिहार और देश की राजनीति में सन ऑफ मल्लाह के रुप में अपनी पहचान बना चुके मुकेश सहनी ने 25 जुलाई से निषाद आरक्षण यात्रा पर निकलने की घोषणा की है. सहनी की यह निषाद आरक्षण यात्रा बिहार, यूपी सहित झारखंड से भी होकर गुजरेगी.
ध्यान रहे कि मुकेश सहनी अब तक किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं है, उन्होंने अपने दरवाजे सभी गठबंधनों के लिए खोल रखा है. हालांकि बीच-बीच में सहनी के द्वारा भाजपा को दुश्मन नम्बर एक बताया जाता है और इसके साथ ही राजद सुप्रीमो लालू यादव को पिछड़ों का सबसे बड़ा नेता घोषित महागठबंधन में अपना गुंजाइश बनाये ऱखने की रणनीति बनायी जाती है. लेकिन इस बीच एनडीए की बैठक का आमंत्रण नहीं मिलने पर वह अपना गुस्सा भी प्रकट कर जाते हैं, साफ है कि उनको कोशिश फिलहाल दोनों ही गठबंधनों के साथ संवाद की स्थिति को बनाये रखने की है, ताकि मोलभाव की गुंजाइश बनी रहे.
निषाद आरक्षण से ज्यादा चर्चा में है मुकेश सहनी का डिजायनर रथ
लेकिन इस बार मुकेश सहनी की राजनीति से ज्यादा चर्चा उनके रथ को होकर हो रही है, खबरों के अनुसार जिस रथ की सवारी कर वह शोषित वंचित निषाद समाज की लड़ाई लड़ने चले हैं, उसके निर्माण में करीबन चार करोड़ की राशि खर्च हुई है. दावा किया जा रहा है कि इस तरह की आलिशान व्यवस्था राहुल गांधी भारत जोड़े यात्रा और समाजवादी पार्टी की ओर से निकाली गई समाजवादी यात्रा में भी नहीं थी. इस रथ को बॉलीवुड सुपर स्टार के वैनिटी वैन से भी ज्यादा लग्जिरियस बनाया गया है, जिस पर बड़े बड़े अक्षरों में यह लिखा गया है कि बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में निषादों ने ललकारा है .. आरक्षण नहीं… तो गठबंधन नहीं.. गठबंधन नहीं.. तो वोट नहीं, जबकि रथ के बाहरी हिस्से में अमर शहीद जुब्बा सहनी, फूलन देवी की तस्वीर भी लगाई गई है.
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