पीएम मोदी के नाम पत्र के बाद सियासी हलचल तेज, अब रघुवर दास ने सीएम हेमंत को चिट्ठी लिख सरना धर्म कोड के नाम पर गुमराह करने का लगाया आरोप


Ranchi- झारखंड की राजनीति में इन दिनों सियासी चिट्ठियों का दौर शुरु होता नजर आने लगा है, एक चिट्ठी पर अभी चर्चा खत्म भी नहीं होती कि दूसरी चिट्ठी सामने आ जाती है. और इन चिट्ठियों के बहाने अपनी अपनी राजनीतिक जमीन को तैयार करने की कवायद की जाती है.
38 फीसदी से घट कर 26 फीसदी पर सिमट गयी आदिवासी आबादी
ध्यान रहे कि कल ही सीएम हेमंत ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर आदिवासी समाज के लिए हिन्दूओं से अलग स्वतंत्र धर्म कोड बनाने की मांग की थी, सरना धर्म कोड की वकालत करते हुए सीएम हेमंत ने लिखा था कि आजादी के बाद आदिवासी समाज की जनसंख्या में गिरावट आ रही है, जहां झारखंड में पहले आदिवासी समाज की आबादी 38 फीसदी के घट कर 26 फीसदी तक सिमट गयी है. कई आदिवासी जातियां आज विलुप्त होने के कगार पर है. इस हालत में उनके लिए स्वतंत्र धर्म कोड की आवश्यकता बेहद जरुरी है ताकि उनकी सही गणना की जा सके और प्रकृति पूजकों की वास्तविक संख्या सामने आ सके. सीएम हेमंत ने इस बात का भी दावा किया था कि वर्ष 1951 तक जनगणना कॉलम में सरना धर्मलंबियों के लिए अलग से कॉलम होता था, लेकिन दुर्भाग्यवश बाद में इसे रोक दिया गया.
आदिवासी समाज के साथ छल कर रहे हैं सीएम हेमंत
अभी सीएम हेमंत के इस सियासी पत्र पर चर्चाओं का बाजार गर्म ही थी कि पूर्व सीएम रघुवर दास ने सीएम हेमंत को एक पत्र लिखकर जनजातीय समाज के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगा दिया. अपने पत्र में रघुवर दास ने लिखा है कि आप सरना धर्म कोड की बात कर महज आदिवासी समाज को गुमराह करने की साजिश रच रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि आपनी सरकार ने आदिवासी समाज के साथ छल किया है, आपकी साजिश के कारण ही अनुसूचित जाति के लोगों को एसटी का दर्जा नहीं मिल पा रहा है, जबकि उनका रीति रिवाज, वेश भूषा और पंरपरा सब कुछ आदिवासी समाज का है. आपके इस कदम के कारण विशाल आदिवासी समाज अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है.
मांदर छोड़कर गिटार थमाने की तैयारी
रघुवर दास का दावा है कि सीएम हेमंत के कारण ही आदिवासी समाज के अस्तित्व पर संकट गहरा रहा है, और हेमंत सरकार की सोच है कि आदिवासी समाज मांदर को त्याग कर गिटार पकड़ ले. अपने पत्र में रघुवर दास ने केरल राज्य बनाम चन्द्रमोहनन मामले का हवाला देते हुए एसटी प्रमाण पत्र निर्गत करने के पहले उस पैमाने को पूरा करने की मांग की है.
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