रांची(RANCHI)- झारखंड की राजनीति में स्थानीयता हमेशा से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है, सड़क पर आन्दोलनरत युवाओं की मांग बिहार की तर्ज पर नियुक्ति नियमावली के निर्माण की रही है. जयराम महतो से लेकर दूसरे छात्र नेता बार-बार बिहार नियुक्ति नियमावली की दुहाई देते रहते हैं, उनकी मांग बिहार के तर्ज पर ही नियुक्ति नियमावली के निर्माण की रही है, लेकिन अब उसी बिहार से एक बड़ी खबर आयी है, जिसके बाद 60:40 की नियमावली के खिलाफ प्रदर्शन करते छात्रों को एक बार फिर से अपनी मांग पर विचार करना होगा. उनका तर्क था कि चालीस फीसदी सीटों को खुला छोड़ कर राज्य की हेमंत सरकार ने बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए दरवाजा खोल दिया है, लेकिन ठीक वही बात अब बिहार में नीतीश सरकार भी करती दिख रही है, और वह भी चालीस और पचास फीसदी नहीं, बल्कि पूरे सौ फीसदी.
शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन
दरअसल बिहार सरकार एक लाख सत्तर हजार शिक्षकों की बहाली करने जा रही है, हालांकि इसकी अधिसूचना पहले ही जारी कर दी गयी थी, लेकिन आज की कैबिनेट बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षक नियुक्ति नियमावली में एक संशोधन कर दिया, जिसके बाद अभ्यर्थियों के लिए बिहार का नागरिक होना अनिवार्य नहीं रहा, अब किसी भी राज्य का नागरिक बिहार में शिक्षक बहाली के लिए अपना आवेदन दे सकता है.
इस फैसले का असर झारखंडी युवाओं पर पड़ना तय
साफ है कि नीतीश सरकार के इस फैसले का असर झारखंडी युवाओं पर भी पड़ना तय है. क्योंकि अब काफी बड़ी संख्या में झारखंडी युवा भी बिहार में शिक्षक बहाली के लिए अपना आवेदन देगें. यदि वह उक्त परीक्षा में सफल हो जाते हैं, तो उनका शिक्षक बनने का सपना पूरा होना तय है. यहां यह भी बता दें कि इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है, आवेदन करने की अंतिम तिथि 12 जुलाई तक है.
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