रांची(RANCHI)- झारखंड की राजनीति में अपने बयानों और दावों से सुर्खियों में रहने वाले निशिकांत दुबे एक बार फिर से सुर्खियों में है, लेकिन इस बार इस सुर्खी में आने की कहानी कुछ और ही है. इस बार निशिकांत दुबे को सुर्खियों में लेकर सामने आयी हैं महागामा विधायिका दीपिका पाडेंय सिंह. जीता-जागता सबूत के साथ दीपिका पाडेंय ने निशिकांत के उस दावे की कलई खोल दी है, जिसमें संताल में विकास की गंगा बहाने की बात कही गयी थी और इस बात का दावा किया गया था कि महज एक सप्ताह में महागामा विधान सभा क्षेत्र में हजारों युवाओं को रोजगार दिया जायेगा.
बाबूलाल की संकल्प यात्रा पर निशिकांत का झूठ
दरअसल निशिकांत दुबे महागामा में बाबूलाल की संकल्प यात्रा का स्वागत कर रहे थें, लेकिन अपनी आदत के मुताबिक वह सामने मंच सजा देख कर बड़ी-बड़ी घोषणाएं करने लगें, केन्द्र की कथित जनकल्याणकारी योजनाओं का ढिढोंरा पीटने लगे. निशिंकात ने चिरपरिचित अंदाज में अपने भाषण की शुरुआत सीएम हेमंत सोरेन और सोरेन परिवार पर व्यक्तिगत हमले के साथ की. इस बात का दावा किया कि सोरेन परिवार ने संथाल परगना में लूट और सिर्फ लूट मचाया है, जमीन से लेकर खदान की लूट की गयी है. भोले-भाले आदिवासियों का शोषण हुआ है, उनकी बेशकीमती जमीनों का सौदा किया गया है, लेकिन यह तो निशिकांत और पीएम मोदी हैं, जिनके द्वारा संताल में विकास की गंगा बहायी जा रही है और वह दिन दूर नहीं जब हम विकास की गंगा में सोरेन परिवार को दफन कर मानेंगे. जब तक सोरेन परिवार की विदाई नहीं करेंगे, निशिकांत चैन की नींद नहीं सोयेगा.
प्रधानमंत्री मोदी की युगांतकारी योजना एमएसएमई से बदलेगी संताल की तस्वीर
आगे निशिकांत ने इस बात का दावा भी कर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी की युगांतकारी योजना एमएसएमई के सहयोग से संताल की तस्वीर बदलने वाली है और महज एक सप्ताह में इसी एमएसएमई के सहयोग से इत्र और दूध की एक बड़ी फैक्ट्री की शुरुआत होने वाली है, जिसमें यहां के हजारों हजार युवकों को रोजगार मिलेगा, इसके साथ ही उनकी किस्मत बदल जायेगी, और यह सब कुछ होगा पीएम मोदी और निशिकांत दुबे के अथक प्रयासों का कारण.
बड़बोलेपन के आदतन शिकार निशिकांत दुबे
लेकिन बड़बोलेपन के आदतन शिकार निशिकांत दुबे ने यह कल्पना भी नहीं की होगी कि भाषणों की इस बौछार के दूसरे दिन ही उनकी पोल खुल खुलने वाली है और जग हंसाई का दौर शुरु होने वाला है. लेकिन यह हुआ और उसी इलाके से कांग्रेस की विधायिका दीपिका ने इसकी कलई खोल दी.
निशिकांत का भाषण सुन सन्न रह गयी दीपिका
दीपिका सिंह कहती हैं, कि निशिकांत का भाषण सून मैं तो सन्न रह गयी, क्योंकि मैं खुद उस इलाके की विधायिका हूं, और मुझे इस बात की जानकारी ही नहीं, कि हमारे विधान सभा क्षेत्र में दूध और इत्र की इतनी बड़ी फैक्ट्री बनकर तैयार खड़ी है, जिसमें हजारों हजार लोगों को रोजगार मिलने वाला है. खैर मुझे अपनी भूल का एहसास हुआ और मैं निशिकांत के दावे की खोज शुरु दी, जानकारी मिली कि वर्ष 2017 में इस तरह की एक योजना का शिलान्यास तो जरुर हुआ था, लेकिन वह कहानी तो वहीं रुकी हुई है, निर्माण कार्य एक ईंट भी आगे नहीं बढ़ा है, आखिरकार भागी भागी वहां पहुंची, लेकिन सामने सन्नाटा पसरा था. सिर्फ झाड़ियां ही झाड़ियां उगी थी और इन झाड़ियों के समुन्द्र में जंग खाता वह शीलापट्ट, अपनी बर्बादी के साथ ही युवाओं के सपनों पर दारुण कथा वाच रहा था. इस देश में युवाओं की बेरोजगारी और बदहाली का कारण क्या है, उसकी विवेचना के लिए अब कहीं जाने की जरुरत नहीं है, सिर्फ हर आकलन के पहले निशिकांत दुबे जैसे घोषणावीरों को यादकिया जाना ही पर्याप्त है.
निशिकांत के दावे के बाद पीएम मोदी भी आये सुर्खियों में
दरअसल निशिकांत के दावे के बाद पीएम मोदी की वह घोषणा भी सुर्खियों में आ गयी है, जब पीएम मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए इस बात का दावा किया था था आज के दिन दरभंगा एम्स में प्रतिदिन हजारों लोग का इलाज हो रहा है, दूर दूर से लोग वहां इलाज करवाने आ रहे हैं, एम्स के कारण दरभंगा की तस्वीर पूरी तरह से बदल चुकी है. कुछ दिन पहले इसी तरह का दावा दक्षिण भारत के एक एम्स के बारे में भी किया गया था, जबकि हकीकत यह है कि दोनों ही स्थानों पर एम्स के नाम पर अब तक एक ईट्ट भी नहीं ऱखा गया है. खैर विकास की रफ्तार राजनीति की रफ्तार से हमेशा मात खाती रही है, इसमें कुछ भी नया नहीं है, कल फिर निशिकांत अपनी ताजातरीन घोषणा के साथ सामने आयेंगे और लोग उनकी एक-एक अदा पर फिदा होकर तालियां बजायेंगें.
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