Ranchi-जिस मधु कोड़ा को कभी झारखंड में भ्रष्टाचार का प्रतीक पुरुष बताकर विपक्षी दलों पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप चस्पा किया जाता था, गीता कोड़ा की पलटी के बाद अब मधु कोड़ा भी अपनी किस्मत संवारने का जुगाड़ लगाते दिख रहे हैं. और यदि यह कोशिश कामयाब होती है तो मधु कोड़ा एक बार फिर से चुनावी अखाड़े में नजर आ सकते हैं.
हाईकोर्ट से तीन साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना
यहां ध्यान रहे कि मधु कोड़ा पर अपने मुख्यमंत्रित्व काल में कोलकता की एक कंपनी को अवैध तरीके से कोयला ब्लॉक का आंवटन का आरोप है. इस मामले की सुनवाई करते हुए 2017 में हाईकोर्ट ने तीन वर्ष की सजा और पांच लाख का जुर्माना लगाया था. लेकिन वर्ष 2018 में हाईकोर्ट से बेल मिल गया. जिसके बाद वर्ष 2020 में मधु कोड़ा ने दिल्ली हाईकोर्ट से सजा माफ करने की गुहार लगायी, जिस खारिज कर दिया गया. लेकिन इस सियासी पलटी के बाद एक बार फिर से सजा माफी की गुहार लगायी गयी है. दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए मधु कोड़ा ने विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए दोषसिद्धि ( conviction order) को निलंबित करने का आग्रह किया है. अपनी याचिका में मधु कोड़ा ने कहा है कि वह पूर्व सांसद और विधायक के साथ ही पूर्व सीएम भी रहें हैं, 2024 में झारखंड में विधान सभा का चुनाव होना है. यदि इस पर रोक नहीं लगाया गया तो वह चुनाव लड़ने के योग्य नहीं होंगे.
सीबीआई ने याचिका का किया विरोध
हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से इस याचिका का विरोध करते हुए दावा किया गया कि पूर्व में भी हाईकोर्ट के समक्ष इस तरह की याचिका पेश की गयी थी, जिसे माननीय न्यायालय के द्वारा खारिज कर दिया गया था, इस याचिका में कोई नया तर्क नहीं है. जिसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 13 अगस्त की तिथि निर्धारित कर दिया.
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