Ranchi- ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और नौकर जहांगीर आलम ने ईडी की पूछताछ में कई अहम जानकारियां हाथ लगी है. जिसके बाद आश्रितों के बैंक डिटेल की मांग की गयी है. बताया जा रहा है कि 15 हजार की नौकरी करने वाला जहांगीर आलम के बैंक एकाउंट में लाखों रुपये हैं. इसके साथ ही फ्लैट और कार की खरीद पर भी करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं. जहांगीर आलम ने सर सैयद रेजीडेंसी में एक फ्लैट की भी खरीद की थी. दावा किया जा रहा है कि इस फ्लैट की खरीद सिर्फ काली कमाई को सुरक्षित ठिकाना प्रदान करने के लिए किया गया था. ईडी अब इस बात का जानकारी जुटा रही है कि फ्लैट खरीद के लिए पैसे का भुगतान कैश किया गया था या ऑनलाइन भुगतान हुआ था. ईडी इन दोनों के आश्रितों का बैंक एकाउंट की भी तलाश कर रही है. जबकि दूसरी ओर ठेकेदार राजीव कुमार सिंह, मुन्ना सिंह, इंजीनियर विकास कुमार, कुलदीप मिंज और अर्जुन मुंडा से उनका और उनके आश्रितों के बैंक डिटेल की मांग की गयी है. इसके साथ ही चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने का निर्देश हुआ है.
छह मई को संजीव लाल और जहांगीर आलम के ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
यहां याद रहे कि छह मई को संजीव लाल और नौकर जहांगीर आलम के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी हुई थी. इस छापेमारी में ईडी ने जहांगीर आलम के आवास से करीबन 35 करोड़ की राशि जब्त की थी. कल संजीव लाल को अपने साथ लेकर ईडी अधिकारी सचिवालय भी पहुंचे थें, जहां करीबन पांच घंटों तक पूछताछ की गई, संजीव के आलमारी से दो लाख का कैश मिला था. कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव के पहले चरण के साथ ही झारखंड में विपक्ष के हाथ एक बड़ा मुद्दा हाथ लगा है. जिसकी कीमत कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में चुकानी पड़ सकती है. मंत्री के पीएस के नौकर के घर से 35 करोड़ की बरामदगी आम लोगों के बीच भी चर्चा का विषय है. इस बीच खबर यह भी है कि ईडी मंत्री आलमगीर आलम को समन जारी करने पर विचार कर रही है. जानकारों का दावा है कि यदि इस चुनावी संग्राम के बीच मंत्री आलमगीर आलम को समन जारी होता है, तो कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकती है, क्योंकि दावा इस बात का भी है कि जहांगीर आलम के आवास के प्राप्त नोटों के बंडल में तबादले की एक लिस्ट मिली थी, जिसे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की ओर से मंत्री आलमगीर आलम को लिखा गया था.
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