Ranchi-झारखंड कांग्रेस में जारी सिर फुटौवल और एक दूसरे को सियासी रुप से सलटाने की रची जा रही साजिशों के बीच जामताड़ा विधायक इरफान ने 2024 की लड़ाई में एक बड़े सियासी चमत्कार का दावा किया है, इरफान ने कहा कि इस बार झारखंड में भाजपा का महाझूठ और नफरत की खेती पर भगवान राम और वीर हनुमान की गदा चलने वाली है. वीर हनुमान ने आश्वस्त किया है कि भक्त इरफान जिस प्रकार कर्नाटक में हमने अपनी गदा से भाजपा को नेस्तानाबूद कर दिया, वही कारनामा इस बार हम झारखंड में दुहराने जा रहे हैं, कर्नाटक में तो सिर्फ हमारी गदा चली थी, इस बार तो हमारे साथ प्रभु श्रीराम भी खड़े हैं. बस तुम लोग तन-मन-धन से इस लड़ाई को लड़ते जाओ, बाकि सब कुछ प्रभु राम के नाम छोड़ दो.
2024 के पहले झारखंड कांग्रेस में तेज होता नजर आ रहा है बाहरी भीतरी का संघर्ष
हालांकि इरफान के दावे के विपरीत झारखंड कांग्रेस की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. एक तरफ झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और प्रभारी अविनाश पांडेय संगठन को संजीवनी पिलाने की कोशिश कर रहे हैं, पेसा कानून से लेकर जातीय जनगणना के सवाल पर सामाजिक गोलबंदी को तेज कर कांग्रेस की खोयी जमीन वापस पाने का जंग लड़ा जा रहा है. लेकिन दूसरी तरफ अभी से ही टिकट वितरण को लेकर कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच सिर फुटौवल की शुरुआत हो चुकी है. छात्र नेता जयराम ने झारखंड की सियासय में जिस बाहरी-भीतरी का राग छेड़ा है, उससे कांग्रेस भी बचती नजर नहीं आ रही, और खुद झारखंड कांग्रेस में बाहरी-भीतरी का संघर्ष तेज होता नजर आने लगा है.
जनसंख्या के आधार पर टिकटों का वितरण
और इस सच्चाई को इरफान भी स्वीकार करते नजर आते हैं, उनका दावा है कि बिहार से जातीय जनगणना की जो आंधी चली है, उसकी जद में झारखंड की राजनीति भी आने वाली है, अब हमें बने बनाये समीकरणों से बाहर निकलना होगा, जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी भागीदारी के सिद्धांत पर ही टिकटों का बंटवारा करना होगा. राजनीति में हार-जीत अलग विषय होता है, लेकिन हमारी मूल लड़ाई भागीदारी की है, और कांग्रेस को टिकट बंटवारे के वक्त इसका ख्याल रखना होगा. वह दिन बीत गया जब किसी बाहरी उम्मीदवार को टिकट सौंप कर युद्ध की घोषणा कर दी जाती थी, जातीय जनगणना के आंकडों के प्रकाशन के बाद हर सामाजिक समूह की आंख खुल चुकी है, और भागीदारी और हिस्सेदारी का सवाल अहम हो गया है.
कम से कम लोकसभा की तीन सीटों पर अल्पसंख्यकों के लिए टिकट की दावेदारी
यहां ध्यान रहे कि झारखंड संगठन के अन्दर अनुसूचित जाति के नेताओं के द्वारा अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए झारखंड कांग्रेस राजेश ठाकुर के खिलाफ भी मोर्चा खोला जा रहा है, और इस बात की गारंटी मांगी जा रही है कि टिकट बंटवारे के वक्त उनकी हिस्सेदारी के साथ समझौता नहीं किया जायेगा, कुछ यही सवाल विधायक इरफान भी उठा रहे हैं और इस बात का दावा कर रहे हैं कि हिस्सेदारी को ध्यान में रखते हुए लोकसभा की कुल 14 सीटों में कम से कम तीन सीटों पर अल्पसंख्यकों का अधिकार बनता है, और पार्टी को टिकट वितरण में इसका ध्यान रखना होगा.
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