Ranchi-ईडी की कस्टडी में विधान सभा में अपने मताधिकार का प्रयोग करने पहुंचे पूर्व सीएम हेमंत ने भाजपा पर चुन-चुन कर निशाना साधा है, उन्होंने दावा किया कि समस्या भुंईहरी जमीन की नहीं है. यह तो गिरफ्तार करने का महज एक बहाना है, असली पीड़ा तो एक आदिवासी का चार्टेड प्लेन से उड़ना, बीएमडब्लू कार में घूमना और फाइव स्टार होटल में ठहरने से हैं. इनकी कल्पना में तो आदिवासी वही है, जो जंगल झाड़ में रहता है, तमाम विपिन्नताओं के बावजूद अपनी जिंदगी गुजारता है, लेकिन जैसे ही कोई आदिवासी जंगल से निकल कर इनके नेताओं की तरह आलिशान जिंदगी जीने का सपना देखता है, भाजपा के पेट में दर्द होने लगती है. हेमंत सोरेने ने चुनौती पेश करते हुए कहा कि यदि भाजपा यह साबित कर दें कि उनके द्वारा किसी भी भुंईहरी जमीन को अपने नाम किया गया है, या उनके कब्जे में हैं, औक वह उसका दस्तावेज कोर्ट में पेश कर दें, हम उसी दिन राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर देंगे. और सिर्फ राजनीति से सन्यास ही नहीं होगा बल्कि झरखंड की इस जमीन को छोड़ कर भी चले जायेंगे. यदि हमारे विरोधियों में यह हिम्मत है, तो वे हमारी इस चुनौती को स्वीकार करें.
सत्ता गंवाते ही भाजपा को आने लगती है घोटाले की याद
पूर्व सीएम हेमंत ने दावा किया कि उन्हे इस बात की आशंका पहले से ही थी कि उन्हे पांच बर्ष पूरा करने नहीं दिया जायेगा, पांच वर्ष शासन चलाने का रिकार्ड उनके भी नाम भी हो, भाजपा इस को कतई गंवारा नहीं करेंगी, आज जो कुछ भी हो रहा है कि उसका अंदेशा उन्हे भी था, नहीं तो क्या कारण है कि राज्य के गठन के 24 साल गुजर गयें, भाजपा को आज घोटाले की याद आ रही है, जब वे सत्ता में होते हैं, तब तो उन्हे घोटालों की याद नहीं आती है. सत्ता जाते ही घोटाले याद आने लगते हैं.
आदिवासी समाज पर छूरा मारने की कोशिश है यह गिरफ्तारी
दरअसल भाजपा नहीं चाहती कि आदिवासी समाज का युवा देश के दूसरे युवाओं की तरह आईएएस, आईपीएस, जज और अधिकारी बने, वह भी सत्ता चलायें. उसके हाथ में भी देश की बागडोर हो, और यही कारण है कि जैसे ही आदिवासी समाज से कोई नेतृत्व सामने आता है,साजिशों की शुरुआत हो जाती है, हमारे खिलाफ रची गयी इस साजिश की यही पृष्ठभूमि है. पूर्व सीएम हेमंत ने कहा कि जब हम अलग राज्य की लड़ाई लड़ रहे थें, जंगलों में छुप-छुप कर अपने आन्दोलन को आगे बढ़ा रहे थें, तब ये कहते थें कि आदिवासी को राज्य मिलेगा, तब हम कहां जायेंगे, और जब हमने राज्य हासिल कर लिया तो कहते हैं कि आदिवासी राज्य कैसे चलायेगा. उसे तो जंगल में होना चाहिए. भाजपा राज में पूरे देश में खनिज संपदाओं की लूट मची हुई है. जहां-जहां भी आदिवासी समाज है, उन्हे उनकी जमीनों से खदेड़ा जा रहा है. जंगल लूटे जा रहे हैं. अपने इसी नापाक इरादों को वह झारखंड की जमीन पर अंजाम देना चाहते थें, लेकिन वह भूल गयें कि यहां हेमंत है. उनका मानना है कि हेमंत की गिरफ्तारी से आदिवासी समाज घबरा जायेगा, और इनकी राह आसान हो जायेगी, तो यह उनकी भूल होगी.
झारखंड मुक्ति मोर्चा का जन्म ही मान सम्मान की रक्षा के लिए हुआ है
हेमंत सोरेन ने कहा कि यह एक कटू सच्चाई है कि बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है, ठीक उसी प्रकार बड़ी व्यवस्था छोटी व्यवस्था को खा जाती है. झारखंड में आज यही हो रहा है. ईडी वही खेल कर रही है. लेकिन मुझे कुर्सी जाने का कोई गम नहीं है. झारखंड मुक्ति मोर्च का उदय ही मान सम्मान की रक्षा के लिए हुआ है, हम इनकी हर साजिश का मुंहतोड़ जवाब देंगे. आदिवासी समाज ना कभी पीछे हटा और ना कभी पीठ दिखलायी है, आगे भी यही पंरपरा कायम रहेगी, हम अपने पूर्वजों के उसी राह पर आगे बढ़ेंगे. आदिवासी दलितों और पिछड़े समाज से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप सो गये तो आनी वाली पीढ़िया आपको माफ नहीं करेगी. राज्यपाल के अभिभाषण पर उन्होंने कहा कि जब देश में लोकतंत्र ही नहीं बचेगा, तो इसका क्या किया जायेगा. देश में आज हर चीज पिछले दरवाजे से हो रहा है, लेकिन भाजपा यह भूल रही है कि समय से ज्यादा बलवान कोई नहीं होता. आज जो वह षडयंत्र रच रहे हैं, कल यह षडयंत्र उनपर मंहगा पड़ने वाला है. आदिवासी, दलित, पिछड़ों के लिए संघर्ष कोई नई बात नहीं है, पहले भी करते रहें है और भी करते रहेंगे.
Big Breaking- पांच फरवरी को प्लोर टेस्ट में शामिल होंगे हेमंत, कोर्ट से मिली हरी झंडी
Big Breaking- ईडी के खिलाफ आज झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे पूर्व सीएम हेमंत
,
4+