रांची (TNP Desk) : झारखंड सरकार 70 फीसदी नौकरियां बाहरियों को नौकरियां दे रही है. राज्य के स्थानीय युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है. वे दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हैं. उक्त बातें रविवार को गोड्डा से बीजेपी विधायक व प्रदेश प्रवक्ता अमित मंडल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कही.
प्रदेश प्रवक्ता अमित मंडल ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि परीक्षा कराने वाली एजेंसियां पैसे लेकर 70 फीसदी से अधिक सीटें दूसरे राज्यों के युवाओं को बेच रही है. हाल ही में नगर विकास विभाग में जेई पद पर नियुक्ति हुई. इसमें 70 फीसदी से ज्यादा बाहरी अभ्यर्थी नियुक्त हुए हैं. जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल के साथ तमिलनाडु के लोग झारखंड की नौकरियां ले गये.
पूर्व की हेमंत सरकार ने बाहरियों के लिए खोल दिया था दरवाजा
अमित मंडल कहा कि पूर्व की हेमंत सरकार ने 60-40 की नीति के तहत राज्य की सरकारी नौकरियों में 40 फीसदी पद बाहरियों के लिए खोल दिया था. राज्य के युवा और भाजपा के विरोध के बाद सरकार को झुकना पड़ा था. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में कहा था कि बाहरियों को थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियां किसी हाल में नहीं देंगे लेकिन यह सिर्फ आईवॉश था. आंदोलन खत्म होते ही झारखंड की सरकारी नौकरियां बाहरियों को बेच दी गई.
वादे से मुकर गया झामुमो
गोड्डा विधायक अमित मंडल ने कहा कि 2019 के चुनाव में झामुमो ने अपने घोषणापत्र में युवाओं को हर साल पांच लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया था लेकिन हकीकत यह है कि चार साल में यह सरकार जेएसएससी और जेपीएससी के माध्यम से तीन हजार से अधिक नियुक्तियां नहीं कर पाई. इन चार सालों में एपीपी पद पर 107 नियुक्तियां हुई. 129 कृषि पदाधिकारी, 37 प्रयोगशाला सहायक, 217 आयुष चिकित्सक, 617 जेई और 32 पशु चिकित्सक नियुक्त हुए. बाकी जो नियुक्तियां हुईं, वे हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चली गईं.
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