पटना(PATNA)- ब्रॉडसन कंपनी से जुड़े जदयू के एमएलसी राधाचरण साह और उनके सहयोगियों से जुड़े करीबन 24 ठिकानों पर आईटी की छापेमारी जारी है. इस बीच राधाचरण साह से किसी भी गड़बड़ी को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि 1971 में जब देश के पीएम ट्रेन में घूम घूम कर चाय बेच रहे थें, ठीक उसी वक्त मैं भी अपने पिता के पुस्तैनी धंधें में उतर कर जलेबियां बेच रहा था. इसमें गड़बड़ी की बात कहां से आ गयी. कोई चाय बेच कर पीएम बन सकता है तो राधाशरण जलेबी बेच कर एमएलसी क्यों नहीं?
राधा शरण ने कहा कि फरवरी में भी आईटी ने हमारे कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, लेकिन उन्हे कुछ भी हाथ नहीं लगा. आज भी नहीं लगेगा, क्योंकि हमने राजनीति में किसी से एक पैसे का पान भी नहीं खाया है, व्यापार की शुरुआत जलेबी बेचने से हुई, बाद में होटल के धंधे में उतर गया. आज राइस मिल, कोल्ड स्टोर के साथ ही मनाली में रिसॉर्ट है. और यह सब कुछ स्टेट बैंक, ग्रामीण बैंक, पीएनबी बैंक से ऋण लेकर किया है, इसमें अपराध क्या है? मेरे पास एक एक पैसे का हिसाब है, जो भी कागजात मांगा जायेगा दूंगा.
सुभाष यादव के कंपनी ब्रॉडसन से जुड़ता है राधाशरण का तार
ध्यान रहे कि राधाचरण साह उसी ब्रॉडसन कंपनी से जुड़े हैं जिसका तार राजद नेता सुभाष यादव से जुड़ता है. दावा किया जाता है कि राधाचरण साह बालू सिंडिकेट का संचालन करते हैं. हालांकि राधाशरण साह इससे साफ इंकार करते हैं, उनका दावा है कि बालू के कारोबार से उनका दूर दूर तक कोई नाता नहीं है.
राधाशरण की सफलता की कहानी सुनना चाह रहे थे अधिकारी
खबर है कि जब आईटी अधिकारी की टीम छापेमारी करने पहुंची तो उनकी रुचि छापेमारी से ज्यादा राधाचरण साह की सफलता की कहानी की कहानी सुनने की थी, अधिकारियों ने जलेबी के दुकान से एमएलसी बनने की पूरी कहानी को बड़े ही इत्मीनान से सुना. ध्यान रहे कि आयकर विभाग के दूसरी टीमें हिमाचल प्रदेश के मनाली, उत्तराखंड के हरिद्वार, यूपी के नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आरा शहर में मौजूद अलग-अलग डेढ़ दर्जन ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.
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