रांची(RANCHI)- आज भले ही झारखंड बिहार से अलग एक सूबा बन चुका हो, लेकिन आज भी उस संयुक्त बिहार में झारखंड की इस रत्नगर्भा धरती पर किसी प्रकार से लूट को अंजाम दिया गया उसकी कई कहानियां गुंजती रहती है. इसी लूट का एक चर्चित नाम चारा घोटला.
डोरंडा कोषागार मामले में लालू यादव के पहले ही दी जा चुकी है सजा
याद रहे कि इसी चारा घोटाले में लालू यादव को जेल जाना पड़ा और उनकी राजनीतिक कैरियर पर पूर्ण विराम लग गया. इसी चारा घोटला की मार है कि आज लालू यादव एक मुखिया का चुनाव नहीं लड़ पाने की योग्यता भी नहीं रखते. आज उसी चारा घोटला के अंतिम मामले में एक बड़ा फैसला आया है.
52 आरोपियों को तीन तीन साल की सजा, शेष 37 की सजा एक सितम्बर को किये जाने का एलान
कोर्ट ने 124 आरोपियों में से 35 आरोपियों को बरी कर दिया, 89 आरोपियों को दोषी करार दिया, लेकिन बड़ी बात यह है कि इस मामले में लंबी न्यायिक प्रक्रिया के दौरान 62 आरोपियों की मौत हो चुकी है. कोर्ट ने गुलशन लाल आजमानी, डॉ. केएम प्रसाद, रामा संकर सिंह, अरुण कुमार वर्मा, गौरी प्रसाद, शरद कुमार, अशोक कुमार यादव, राम नंदन सिंह, अजय कुमार सिंह, राजेंद्र कुमार सिंह सुरेश दुबे, मदन कुमार पाठक सहित अन्य को दोषी करार दिया. और सजा की घोषणा करते हुए सुनील कुमार सिन्हा, अजय कुमार सिंह, जगदीश प्रसाद, नंद किशोर सिंह, राजीव कुमार, नरेश प्रसाद, रविंद्र प्रसाद, रविंद्र कुमार मेहरा, अजय वर्मा, डॉ हीरालाल और डॉ बिनोद कुमार सहित 52 आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनायी है. जबकि शेष 37 आरोपियों की सजा का एलान एक सितम्बर को किया जायेगा. इस दरम्यान सीबीआई की ओर से 500 से ज्यादा गवाहों को पेश किया गया.
चारा घोटाले से जूड़े 52 मामलों में पहले ही आ चुका है फैसला
यहां याद रहे कि चारा घोटला में कुल 53 मामलों में सुनवाई की गयी, जिसमें कुल 52 मामलों में कोर्ट का फैसला आ चुका है, डोरंडा कोषागार चारा घोटला का अंतिम मामला है, इस मामले में पूर्व सीएम लालू यादव को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है. यही कारण है किन 124 आरोपियों में लालू यादव का नाम शामिल नहीं है. ध्यान रहे कि दावा किया जाता है कि 1990 से 1995 के दौरान डोरंडा कोषागार से करीबन 36 करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध निकासी हुई थी.
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