रांची(RANCHI)- ईडी के दूसरे समन पर भी सीएम हेमंत की हाजिरी नहीं हुई, इसके बाद यह पूरी तरह से साफ हो गया कि अब यह मामला कोर्ट में जाने वाला है और कोर्ट में उन बिन्दुओं पर विस्तार से अपना पक्ष रखा जायेगा, जिसका संकेत ईडी के पहले समन के जवाब में भेजा गया था. पॉलिटिकल मास्टर का निर्देश से लेकर, एक चुनी हुई सरकार के मुखिया की प्रतिष्ठा को जानबूछ कर दागदार बनाने का कुचक्र के दावे बचाव पक्ष के द्वारा रखें जायेंगे. इस बीच यहां यह भी याद रखा जाना चाहिए कि छत्तीसगढ़ शराब घोटला मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहले ही ईडी को भय का माहौल नहीं पैदा करने का निर्देश दे चुका है.
पहले भी दी जा चुकी है ईडी को चुनौती
ध्यान रह कि किसी मुख्यमंत्री के द्वारा ईडी के निर्देशों को इस तरह की चुनौती पहली बार नहीं दी गयी है, झारखंड के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ का सीएम भूपेश बघेल शराब घोटला मामले में सीधे-सीधे ईडी के अधिकार क्षेत्र को चुनौती पेश किया था, यह स्थिति तब आयी थी जब शराब घोटाल मामले में गिरफ्तार अनवर ढेबर ने यह कह कर सनसनी फैला दी थी कि ईडी उन पर सीएम बेधल और उनके परिजनों का नाम लेने के लिए दवाब बना रही है, और वह यह दवाब झेलने की स्थिति में नहीं है, यदि ईडी की इस कार्रवाई पर रोक नहीं लगी तो वह आत्महत्या कर सकते हैं. जिसके बाद भूपेश बेधल ने ईडी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, और अंतत: ईडी को अपना कदम पीछे हटाना पड़ा.
सीए सुमन कुमार का आरोप
ध्यान रहे कि इसी प्रकार की स्थिति झारखंड की भी है, जब पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद उनके सीए को गिरफ्तार किया गया, तब सीए सुमन कुमार भी करीबन यही आरोप लगा रहे थें.
साफ है कि बचाव पक्ष इन सारे मामलों को कोर्ट के समक्ष पेश करेगा, और इस बात का दावा भी करेगा कि पिछले की महीनों से ईडी सीएम हेमंत को फंसाना चाहती है और इसके लिए लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है. जबकि उनके खिलाफ ईडी के पास को कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं हैं. लेकिन बार बार समन भेज कर वह मीडिया में इसे सुर्खियां बनाना चाहती है.
क्या रघुवर दास पर कार्रवाई करेगी ईडी
इस बीच पूर्व मंत्री सरयू राय ने भी अपने बयान से ईडी के समक्ष मुश्किलें पेश कर दी है, उन्होंने कहा कि संताल में अवैध खनन का मामला हो मनरेगा लूट का मामला सभी मामलों के तार सीधे सीधे पूर्व सीएम रघुवर दास से जुड़ते हैं, और जैसी ही जांच रघुवर दास की ओर मुड़ने लगता है, मामले को मोड़ दिया जाता है. जबकि रघुवर दास के मुख्यमंत्री रहते हुए ही इन सारे घोटलों की नींव डाली गयी और बड़े पैमाने पर लूट को अंजाम दिया गया, लेकिन रघुवर दास के मामले में ईडी चुप्प है और ईडी की यह चुप्पी कई गंभीर सवाल खड़े करती है. साफ है कि यहां भी सरयू राय का इशारा उसी पॉलिटिक्ल मास्टर की ओर है, जिसका दावा सीएम हेमंत कर रहे हैं, तो क्या यह माना जाय कि अब ईडी रघुवर दास के खिलाफ भी जांच की गाड़ी को बढ़ सकती है, एक मुश्किल सवाल है,और फिलहाल ऐसा होता नजर नहीं आता.
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