पटना(PATNA): अब जबकि रामनवमी हिंसा के बाद सासाराम और नालंदा में स्थिति सामान्य होती दिख रही है, अमन-शांति का दौर एक बार फिर से लौटता दिखलाई देने लगा है, प्रशासन के द्वारा उन सभी नफरती तत्वों की खोज शुरु कर दी गयी है, जिनके द्वारा इस दौरान सोशल मीडिया भड़काउ पोस्ट डाला गया, बगैर तथ्यों की जांच किये अफवाहों को फैलाया गया, वीडियो डाले गयें.
EOU की टीम, एक-एक पोस्ट को खंगालनें में जुटी पुलिस
बिहार पुलिस ने इन नफरती तत्वों को चिह्नित करने के लिए अपनी आर्थिक अपराध इकाई को आगे किया है. EOU की टीम रामनवमी हिंसा के दौरान सोशल मीडिया पर अफवाहों का प्रचार-प्रसार करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने में जुट गयी है.
आर्थिक अपराध इकाई की टीम दिन-रात इन सोशल मीडिया के इन पोस्टों को खंगालने में जुटी हुई है. दावा किया जा रहा है कि EOU की टीम को अब तक कई पोस्ट हाथ भी लग चुके हैं, इसमें कुछ भड़काऊ मैसेज हैं तो कुछ वीडियो है. अब अधिकारियों के द्वारा इन सभी की जांच की जा रही है.
आरोपियों के मोबाइल से भी मिले वीडियो
खबर यह भी है कि हिंसा में शामिल लोगों की छापेमारी के दौरान पुलिस को आरोपियों से आरोपियों के मोबाइल से भी कुछ वीडियो मिले हैं, जिन्हे उनके द्वारा सोशल मीडिया पर डाला गया है. पुलिस अब उनके मोबाइल को भी खंगाल रही है.
बताया जा रहा है कि सिर्फ वीडियो की बरामदगी होना ही पर्याप्त नहीं था, इस डिजिटल एविडेंस के साथ ही पुलिस को और भी कई सबूतों की जरुरत पड़ती है. पुलिस अब उसी दिशा में काम कर रही है. जिसके कि आरोपियों के खिलाफ ठोस प्रमाण जुटाया जा सके. यहां बता दें रामनवमी हिंसा में पुलिस ने पहले ही 173 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, साथ ही कुल 18 प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है.
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