Ranchi- झारखंड पुलिस के साथ लम्बे समय से लुका छुपी का खेल खले रहे गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के भाई अरुण सिन्हा को आखिरकार पलामू पुलिस ने (छत्तीसगढ़) रायपुर से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. पुलिस की पूछताछ में अरुण सिन्हा सुचित सिन्हा के वित्तीय लेन देन से जुड़े कई खुलासे किये हैं. दावा किया जा रहा है कि झारखंड में उगाही से बाद इन पैसों को छत्तीसगढ़ में निवेश किया जाता था. पुलिस अब अरुण सिन्हा की निशानदेही पर छापेमारी अभियान चला रही है.
सुजीत सिन्हा गिरोह और अमन साहू गिरोह मिलकर दे रहे हैं गतिविधियों को अंजाम
ध्यान रहे कि हालिया दिनों में यह खबर आयी है कि सुजीत सिन्हा गिरोह और अमन साहू गिरोह ने एक बार फिर से मिलकर कर काम करना शुरु कर दिया है, जिसके कारण पुलिस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. मूल रुप से पलामू का रहने वाला सुजीत सिन्हा फिलहाल खूंटी जेल में बंद है. जबकि रांची का रहने वाला अमन साहू चाईबासा जेल में है, लेकिन जेल में रहकर भी ये दोनों संयुक्त रुप से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.
विदेशों तक फैला है नेटवर्क
दावा किया जाता है कि इन दोनों गिरोह का नेटवर्क विदेश तक फैला है, और इसके गुर्गे नेपाल से अपने गिरोह को संचालित करते हैं. खबर यह भी है सुजीत सिन्हा की पत्नी के इशारों पर ही उगाही की मांग की जाती है. जिसके बाद पुलिस इस बात की तहकीकात में जुट गयी है कि सुजीत सिन्हा के और कौन कौन से पारिवारिक सदस्य इन गतिविधियों में संलग्न हैं. दोनों ही गिरोह का पलामू से काफी अच्छी पकड़ हैं और पलामू से ही गुर्गों की भर्ती की जाती है, खास कर इनके निशाने पर कम उम्र के लड़के होते हैं. जो कम समय में पैसा कमाने की चाहत में इस गिरोह के जुड़ जाते हैं.
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