रांची(RANCHI)- 17 मई को मुम्बई से गिरफ्तार गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव को आज कड़ी सुरक्षा के बीच बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारगार भेज दिया गया. अमन श्रीवास्तव के विरुद्ध झारखंड रांची, रामगढ़, लोहरदगा, हजारीबाग और लातेहार जिलों में करोड़ों रुपये की उगाही करने का आरोप है. इन जिलों में इसके खिलाफ करीबन 23 मामले दर्ज है, हालांकि कई मामलों उसके आंतक के कारण मामला दर्ज भी नहीं किया गया है. दावा किया जाता है कि उसके एक फोन कॉल पर कारोबारियों, माइनिंग करने वालों, ठेकेदारों में दहशत कायम हो जाता था. उसके गुर्गों की मांग को ना कहने की हिम्मत बड़े से बड़े कारोबारी और ठेकेदारों में नहीं होती थी.
सटीक सूचना पर झारखंड एटीएस की टीम ने मुम्बई से किया था गिरफ्तार
बताया जाता है कि एटीएस को इस बात की सटीक सूचना मिली थी कि अमन श्रीवास्तव अब अपने गिरोह का संचालन झारखंड से दूर रहकर बेगंलुरु और मुम्बई से कर रहा है.इस सूचना के बाद झारखंड एटीएस दो टीमें बेंगलुरु और मुम्बई के लिए रवाना हुई. जहां से उसकी गिरफ्तारी में सफलता मिली. 17 मई को गिरफ्तारी के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच उसे झारखंड लाया गया था और आज सिविलि कोर्ट में पेशी के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
पिता की मौत के बाद संभाला था गिरोह का कमान
ध्यान रहे कि अमन श्रीवास्तव कुख्यात गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव का बेटा है, वर्ष 2016 में हजारीबाग में कोर्ट में पेशी के दौरान सुशील श्रीवास्तव को गोलियों से भून दिया गया था. जिसके बाद गैंग का संचालन अमन श्रीवास्तव के द्वारा किया जा रहा था. पुलिस ने अमन श्रीवास्तव, छोटा भाई अभिषेक श्रीवास्तव, बहन मंजरी श्रीवास्तव, बहनोई चन्द्रप्रकाश रानू, चचेरा भाई प्रिंस राज और उसके कई नजदीकियों के खिलाफ भी चार्जशीट दायर किया है. दावा किया जाता है कि झारखंड से की गई हर महीने की इस करोड़ों रुपये की इस उगाही का निवेश वह देश के दूसरे हिस्सों में किया करता था.
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