रांची(RANCHI)- झारखंड हाईकोर्ट ने एक बार फिर से रांची नगर निगम और आरआरडीए को नक्शा पास करने की अनुमति प्रदान कर दी है, इस आदेश के साथ ही अदालत ने नक्शा पास करने की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने की सख्त हिदायत भी दी है.
नक्शा पास करने में भ्रष्टचार की खबर सामने आने के बाद लगायी गयी रोक
ध्यान रहे कि वर्ष 2022 में कई अखबारों और मीडिया चैनल में इस बात को प्रमुखता से उठाया गया था कि रांची नगर निगम और आरआरडीए में नक्शा पास करने में दलालों और अधिकारियों के द्वारा एक बड़ा खेल किया जा रहा है. नक्शा पास करने के एवज में अधिकारियों के द्वारा प्रति वर्ग फिट से पैसे की उगाही की जा रही है, जिसके कारण आम लोगों के लिए नक्शा पास करना एक चुनौती बन गया है, जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए नक्शा पास करने पर रोक लगा दिया, जिसके बाद राजधानी रांची में निर्माण कार्य ठप पड़ गया था, कोर्ट के इस फैसले के बाद सीमेंट और छड़ के सीएंडएफ विक्रेताओं के द्वारा नाराजगी जतायी जा रही थी, उनका तर्क था इस फैसले के बाद बिल्डरों का नक्शा पास नहीं हो रहा है, जिसके कारण छड़ सीमेंट सहित दूसरे निर्माण सामग्रियों की खपत में काफी कमी आई है. उनका दावा था कि कोर्ट के इस फैसले का असर यहां के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों और व्यवसायियों पर पड़ा है, उनकी आजीविका के सामने संकट खड़ा हो गया है.
जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की अदालत ने सुनाया फैसला
आज इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को वापस ले लिया, और कई हिदायतों के साथ नगर निगम और आरआरडीए का एक बार फिर से नक्शा पास करने का आदेश दे दिया.
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