10 फरवरी को बिहार में खेला! चाचा नीतीश के सियासी तिलिस्म का अंत या टूटने जा रहा है भतीजे तेजस्वी का सपना

और लालू इस ठंड में सिर्फ गुनगुनी धूप का आनन्द नहीं ले रहे हैं, उन्हे पता कि उनके भाई ने जिस सियासी चाल का ताना बाना बूना है, अभी उसमें किसी भी प्रकार के छेड़छाड़ करने का मतलब है कि भाजपा के मंसूबों को पूरा करना. और यही राजद की मजबूरी है, जिसके देख कर चाचा नीतीश मंद-मंद मुस्कुरा रहे हैं. साफ है कि अभी भी तेजस्वी को अपने चाचा और पिताजी से सियासत की बारीकियों को समझना है, फिलहाल बिहार की सियासत में उस्ताद तो सिर्फ उनके चाचा और पिताजी ही है. हां, तेजस्वी सबसे मजबूत खिलाड़ी के रुप में सामने जरुर आ रहे हैं, और निश्चित रुप से उनका भविष्य उज्जवल है.

10 फरवरी को बिहार में खेला! चाचा नीतीश के सियासी तिलिस्म का अंत या टूटने जा रहा है भतीजे तेजस्वी का सपना