Ranchi-आखिरकार वही हुआ, जिसकी ओर सीएम हेमंत ने इशारा किया था, पूछताछ की खबर सामने आते ही झारखंड की गलियों से एक जनसैलाब उमड़ता दिखने लगा है, और इसकी शुरुआत झामुमो का सबसे मजबूत किले में से एक संथाल से हुई है, 20 जनवरी जब सीएम आवास में पूछताछ की जानी है, ईडी की ओर से इसकी तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा रहा है, इधर सरकार की ओर से पूरी सतर्कता बरती जा रही है, ताकि ईडी अधिकारियों को पूछताछ के दौरान किसी समस्या का सामने नहीं करना पड़े और वह सुगमता पूर्वक अपने दायित्व का निर्वाह कर सकें.
गूंजने लगे विरोध के स्वर,साहिबगंज बंद
लेकिन दूसरी तस्वीर यह भी है कि अभी से ही इस पूछताछ को सीएम हेमंत की अवमानना के रुप में लिया जाने लगा है, लोगों के बीच से यह आवाज गूंजने लगी है कि ईडी की यह पूछताछ का भ्रष्टाचार से कोई रिश्ता नहीं है, यह तो महज एक आदिवासी सीएम की सियासत को बदनाम करने की साजिश है, और यह सब कुछ भाजपा के इशारे पर किया जा रहा है. आज साहिबगंज में हाट- बाजार बंद हैं, लोगों का हुजूम साहिबगंज की सड़कों पर घूम घूम कर ईडी विरोधी नारे लगा रही है, ईडी तेरी मनमानी नहीं चलेगी, नहीं चलेगी के नारे गूंज रहे हैं, हेमंत सोरेन जिन्दाबाद ,जिन्दाबाद की आवाज आ रही है, ढोल-नगाड़ों के साथ अपना गुस्सा प्रकट किया जा रहा है. इस हालत में यदि यह विरोध तेज होता है तो प्रशासन के सामने भी मुसीबत खड़ी हो सकती है.
2024 के महासंग्राम का आगाज
हालांकि कुछ लोग इसे 2024 के सियासी आगाज से भी जोड़ कर देख रहे हैं, उनका दावा है कि यदि भाजपा ईडी को आगे कर अपनी सियासी चाल रही है तो झामुमो भी अपने समर्थकों को आगे कर 2024 का सिंहनाद कर दिया है. यह विरोध प्रर्दशन भी उसी का हिस्सा है. ध्यान रहे कि सीएम हेमंत पहले भी ईडी को अपने गिरफ्तारी की चुनौती देते रहे हैं, उनका दावा रहा है कि यदि हमने कोई गुनाह किया है तो ईडी गिरफ्तार क्यों नहीं करती, वह यह बार-बार समन का खेल क्यों खेलती है. दरअसल सीएम हेमंत बड़ी ही खुबसूरती से ईडी की इस पूछताछ को सियासी रंग देने में कामयाब हो चुके हैं, अपने समर्थक समूहों तक यह बात पहुंचानें में सफल रहे हैं कि ईडी आज जो कुछ भी कर रही है, वह अपने पॉलिटिकल आका के दवाब में कर रही है, चूंकि यह जंग सियासी है, इसलिए इसका जवाब भी सियासी ही दिया जायेगा, और यह सियासी दंगल होगा 2024 का लोकसभा का चुनाव और उसके बाद आने वाले विधान सभा का चुनाव, ईडी की अदालत से बड़ी अदालत जनता की अदालत होती है, और हमारी किस्मत का फैसला अब उसी अदालत में होगा.
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