Ranchi-कभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का समर्थन, तो कभी कुंवारी बेटियों को खाली प्लौट बताने वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री का एक के बाद एक झारखंड में सारे कार्यक्रम रद्द हो रहे हैं, हर बार प्रशासन के द्वारा एन वक्त पर किसी ना किसी कारण का हवाला देकर अनुमति वापस ले ली जाती है, 10 फरवरी को पलामू में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के साथ भी यही हुआ, पलामू डीसी शशि रंजन ने विधि व्यवस्था का हवाला देते हुए कार्यक्रम रद्द करने की घोषणा कर दी, उन्होंने कहा कि आयोजकों के द्वारा नदी के किनारे कार्यक्रम करने की अनुमति की मांग की गयी थी, किसी भी नदी के किनारे कार्यक्रम के लिए पहले विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है, दूसरी समस्या श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की थी, आयोजकों के द्वारा करीबन तीन लाख लोगों के शामिल होने की सूचना दी गयी थी. प्रशासन के लिए इस भारी भीड़ को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल होता और आखिरकार कार्यक्रम को रद्द करने का आदेश देना पड़ा.
बुधवार को होगी हाईकोर्ट में सुनवाई
डीसी के इस आदेश के बाद हनुमंत कथा आयोजन समिति की ओर से हाईकोर्ट में याचिका लगाकर आदेश को चुनौती दी गयी, जस्टिस आनंदा सेन की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बुधवार को पेश होने का आदेश दिया है. यहां ध्यान रहे कि इसके पहले बाबा का धनबाद में भी कार्यक्रम आयोजित करने की कोशिश की गयी थी, बाधमारा विधायक ढुल्लू महतो कार्यक्रम को आयोजित करन की तैयारियों में जुटे थें. लेकिन एन वक्त पर इजाजत नहीं मिली, इसके बाद धनबाद में कार्यक्रम आयोजित करवाने की कोशिश की गयी, लेकिन वहां भी प्रशासन ने अनुमति देने से इंकार कर दिया, इसी प्रकार रांची के धूर्वतारा मैदान में भी बाबा का कार्यक्रम करने की कोशिश की गयी थी, लेकिन यहां भी अनुमति नहीं मिली आखिरकार बाबा को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा, अब पलामू से भी कार्यक्रम की अनुमति वापस लेने की खबर आयी है. अब देखना होगा कि कोर्ट के फैसला क्या आता है, बाबा को कार्यक्रम की अनुमति मिलती है या नहीं, इसका फैसला तो बुधवार को ही होगा.
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