पटना(PATNA): जाति आधारित गणना को हिन्दू समाज की एकता को तोड़ने की साजिश बताने वालों को निशाने पर लेते हुए तेजस्वी यादव ने कहा है कि जाति जनगणना का विरोध वैसे लोगों के द्वारा किया जा रहा है, जो अपनी शादी भी जाति देख कर करते हैं, बगैर जाति देखे वह कुछ भी नहीं करते, लेकिन जो किसी जाति सम्मेलन में नहीं जाता, समता समानता और न्याय की बात करता है, उसे जातिवादी बताया जाता है. यही इनका दोहरापन और झूठ है.
तेजस्वी ने कहा कि शादी जाति देख कर, लेकिन अपनी जाति की गिनती से भागना इनका पाखंड नहीं, इनकी रणनीति का हिस्सा है, इनसे बड़ा जातिवादी आज कोई नहीं है. जातीय जनगणना का विरोध किनके द्वारा किया जा रहा, यह हर कोई जान रहा है, हम जाति तोड़ कर भी जातिवादी और वे दिन रात जाति का गीत गाकर भी समतावादी, अब यह खेल चलने वाला नहीं है.
रुकने वाली नहीं है जाति आधारित गणना
दरअसल तेजस्वी यादव का यह बयान उनके सोशल मीडिया पर अपलोड किए गये एक वीडियो का हिस्सा है, हालांकि इस वीडियो में तेजस्वी यादव ने कहीं से भी भाजपा का नाम नहीं लिया है, लेकिन साफ है कि उनके निशाने पर भाजपा है.
ध्यान रहे कि बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना करवाने का निर्णय लिया है, सरकार के इस निर्णय को पहले पटना हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी, राजद का दावा है कि बिहार सरकार के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देने वाले भाजपा के ही कार्यकर्ता है, जो काम भाजपा खुद नहीं करती, वह अपने लोगों को कोर्ट भेज कर करवाती है, राजद का आरोप है कि भाजपा किसी भी कीमत पर जाति आधारित गणना को पूरा नहीं होना देना चाहती, क्योंकि उसे यह पत्ता है कि जैसे ही जातीय जनगणना का आंकड़ा सामने आयेगा, वंचित जातियों की कितनी हकमारी हुई है, उसका पर्दाभाश हो जायेगा, तब भाजपा को वंचित जातियों को भागीदारी देने के लिए बाध्य होना होगा, यही भाजपा की बेचैनी और राजनीतिक परेशानी की वजह है.
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