टीएनपी डेस्क(TNP DESK): कहते हैं जल ही जीवन है. इसे सत्य मानकर हम और आप शुद्ध जल की तलाश में ना जाने क्या क्या उपाय करते हैं. कोई अपने घरों में वाटर प्यूरीफायर लगाते हैं, तो कोई बॉटल बंद पानी खरीद कर पीते हैं. दूषित जल कई रोगों का वाहक है, चिकित्सा विज्ञान यह कहता है. तभी तो चिकित्सक शुद्ध पानी पीने की सलाह देते हैं. यही वजह है कि आए दिन शहर से लेकर गांव तक वाटर फिल्टरेशन प्लांट लग रहा है और बॉटल बंद पानी पीकर अपनी आत्मा तृप्त करते हैं.
लेकिन दुमका वासी बॉटल बंद पानी के रूप में कहीं जहर तो नहीं पी रहे हैं. हम ऐसा सवाल इसलिए कर रहे हैं क्योंकि काइट्स एक्वा पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर का नमूना संग्रहित कर जांच हेतु राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला कोलकाता भेजा गया था. जांच रिपोर्ट खाद्य विश्लेषक की टिप्पणी के साथ जिला को प्राप्त हुआ है. जिसमें काइट्स एक्वा पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर अंसेफ(unsafe) कैटेगरी में रखा गया है. जिसके आधार पर कार्यालय, अभिहित अधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा एक पत्र जिसका ज्ञापंक - 496, दिनांक - 3 अप्रैल 2023 को काइट्स एक्वा पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर के निर्माता कंपनी मेसर्स ए आर एग्रो इंडस्ट्रीज, प्रोपराइटर.. आनंद गुटगुटिया, बाई पास रोड दुमका को प्रेषित किया गया. जिसमें स्पष्ट लिखा है कि काइट्स एक्वा पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर अनसेफ की कैटेगरी के अंतर्गत है, जो अस्वास्थ्यकर, हानिकारक एवं स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है. निर्मित पेयजल खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के मानकों को पूर्ण नहीं करता है. इस परिपेक्ष्य में निर्मित पेयजल के उपयोग से आम जनों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने के साथ गंभीर बीमारी होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
अतः खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 36 उपधारा 3(ख) में प्राप्त शक्तियों का उपयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक काइट्स एक्वा के किसी तरह के पानी के विक्रय पर प्रतिषिद्ध लगाया जाता है. साथ ही अधिनियम के धारा 28 उपधारा (1) के आलोक में काइट्स एक्वा के सारे पानी को 48 घंटे के अंदर बाजार / उपभोक्ताओं से रिकॉल (वापस) करते हुए अधोहस्ताक्षरी को सूचित करने का निर्देश दिया गया है.
शुद्ध पानी के नाम पर पी रहे मीठा जहर
अब सवाल उठता है कि दुमका में बॉटल बंद पानी के रूप में काइट्स एक्वा पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर एक ब्रांड नेम है. लगभग डेढ़ दशक से दुमका में इसका एकक्षत्र राज्य है. सरकारी दफ्तरों से लेकर अधिकांश घरों तक यह पहुंच रहा है. अनजाने में ही सही दुमका के लोग शुद्ध पानी के नाम पर मीठा जहर पी रहे हैं. दुमका के बाजार में अलग अलग नाम से कई पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की बॉटल बाजार में उपलब्ध है. जब जिले के नामी ब्रांड का यह आलम है तो अन्य ब्रांड क्या हाल होगा यह तो जांच का विषय है. इसलिए प्रसासन को चाहिए कि तमाम कंपनी का पानी जांच में भेजे और रिपोर्ट में अनसेफ कैटेगरी आने पर वैसे कंपनी पर शख्त कार्यवाई हो ताकि आम लोग आश्वस्त हो सके कि जो पानी वो खरीदकर पी रहे है वह पूरी तरफ स्वास्थ्य के अनुकूल है.
रिपोर्ट: पंचम झा
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