रांची(RANCHI)-आज भी सीएम हेमंत का ईडी जाने पर संशय बरकरार है, ईडी के समन के अनुसार सुबह 10.30 बजे ही ईडी कार्यालय पहुंचना था, इस बीच खबर आ रही है कि वह G-20 के भोज में शामिल होने के लिए दिल्ली जा सकते हैं.
यहां बता दें कि कथित जमीन घोटाले के मामले में ईडी अब तक उन्हे तीन नोटिस भेज चुकी है, लेकिन सीएम हेमंत के द्वारा उस समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है. पहले समन के बाद से ही सीएम हेमंत इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहे हैं, उनका दावा है कि केन्द्र सरकार के आदेश पर एक साजिश के तहत ईडी बगैर किसी तथ्य और साक्ष्य के उन्हे बार बार नोटिस भेज कर उनकी छवि को खराब करने की कोशिश कर रही है, सीएम हेमंत के कोर्ट पहुंचने के बाद ईडी ने भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. और अपना पक्ष भी सुनने की मांग की है. हालांकि अब तक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कोई आदेश नहीं हुआ है, माना जाता है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पसमंजर में सीएम हेमंत आगे की रणनीति का निर्माण करेंगे.
वादा माफ गवाह बनने की सलाह
इस बीच पूर्व सीएम और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने सीएम हेमंत को सलाह देते हुए उन्हे वादा माफ गवाह बनने की सलाह दी है, उन्होंने कहा कि ‘’हेमंत सोरेन जी को देर से ही सही लेकिन अब समझ में आ गया है कि गरीब आदिवासियों की ज़मीन हड़पने के जुर्म में अब उनका जेल जाना तय है. इसलिये डर के मारे ईडी के बुलावे पर नहीं जा रहे, न्यायालय से जेल जाने से बचाने की विनती कर रहे हैं. अब तो अपने भाषणों में भी लोगों के सामने क़बूल कर रहे हैं कि वे जेल जाने वाले हैं. दरअसल ग़लत करने वाले को पता होता है कि उसका अपराध कितना गंभीर है और उसको उसके किये की सजा देर-सबेर मिलनी ही है। हेमंत जी, आपको विपक्ष या कोई और जेल क्यों और काहे भेजेगा? आप जेल जायेंगे अपने किये कर्म के कारण. अपने ग़लत कार्यों का फल भोगने के लिये, खुद के किये पापों का प्रायश्चित करने के लिये ही आपको सजा मिलेगी. क्योंकि भगवान और न्याय के घर देर ज़रूर है अंधेर नहीं. बहुत हो गया. अब देर मत कीजिये. बेहतर होगा ईडी के सामने जाईये, अपनी गलती क़बूल कर सबकुछ सच-सच बता दीजिये और वादा माफ़ गवाह बनने की गुहार लगाईये. हो सकता है कुछ राहत मिल जाय? आगे आपकी मर्ज़ी’’
डुमरी की हार के बाद तेज हो सकता है बाबूलाल के खिलाफ गुटबाजी
ध्यान रहे कि कल ही डुमरी का चुनाव परिणाम आया है, बाबूलाल के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद यह पहला चुनाव था, जहां भाजपा आजसू गठबंधन को बड़ा झटका लगा और तमाम दावों के बावजूद डुमरी सीट एक बार फिर से इंडिया गठबंधन के खाते में गया. डुमरी की हार को प्रदेश अध्यक्ष के रुप में बाबूलाल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. माना जा रहा है कि इस हार के बाद भाजपा के अन्दर बाबूलाल के विरोध गुटबाजी तेज हो सकती है.
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