कोयला, लोहा, अभ्रक सब कुछ हमारा! लेकिन समृधि-खुशहाली गैरझारखंडियों के नाम, अब यह लूट बंद, गरजे हेमंत

कोयला, लोहा, अभ्रक सब कुछ हमारा! लेकिन समृधि-खुशहाली  गैरझारखंडियों के नाम, अब यह लूट बंद, गरजे हेमंत