TNP DESK-जब से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा हुई है, पूरे देश में बधाईयों का तांता लगा हुआ है, सियासी दलों के बीच श्रेय लेने की होड़ मची हुई है. राजद-जदयू से लेकर कई क्षेत्रीय दलों के द्वारा इस फैसले का स्वागत करते हुए भी मोदी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं. अब इसी कड़ी में कांग्रेस के पूर्व अघ्यक्ष राहुल गांधी ने भी मोर्चा खोल है, राहुल गांधी ने भारत रत्न देने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि एक गरीब के बेटा को भारत रत्न मिलना निश्चित रुप से एक गौरव की बात है, लेकिन अब देश को सांकेतिक राजनीति’ के बजाय वास्तविक न्याय की ओर बढ़ने की जरुरत है और जातीय जनगणना ही कर्पूरी ठाकुर को वास्तविक अर्थों में सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
भाजपा पर लगाया सामाजिक न्याय की लड़ाई के खिलाफ साजिश रचने का आरोप
अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर उन्होंने लिखा है कि “सामाजिक न्याय के अप्रतिम योद्धा जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी जन्म शताब्दी पर सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. वह निश्चित ही भारत के अनमोल रत्न हैं और उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने के फैसले का स्वागत है. लेकिन 2011 में हुई, सामाजिक और आर्थिक जातीय जनगणना के नतीजों को भाजपा सरकार द्वारा छिपाना और राष्ट्रव्यापी जनगणना के प्रति उनकी उदासीनता सामाजिक न्याय के आंदोलन को कमज़ोर करने का प्रयास है.'भागीदारी न्याय‘ भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पांच न्यायों में से एक प्रमुख न्याय और सामाजिक समानता का केंद्र बिंदु है, जिसकी शुरुआत सिर्फ जातिगत जनगणना के बाद ही हो सकती है, सही मायने में यही कदम जननायक कर्पूरी ठाकुर जी और पिछड़ों और वंचितों के अधिकारों के लिए उनके संघर्षों को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगा, देश को अब ‘सांकेतिक राजनीति’ नहीं ‘वास्तविक न्याय’ चाहिए”
तेज होने लगी है जातीय जनगणना की मांग
ध्यान रहे कि राहुल गांधी इस बात का वादा कर चुके हैं कि जैसे देश में कांग्रेस और उसके सहयोगियों की सरकार बनती है, पूरे देश में जातीय जनगणना करवाकर दलित पिछड़ी जातियों को वास्तविक अर्थो में सामाजिक सियासी भागीदारी- हिस्सेदारी का रास्ता साफ किया जायेगा. हालांकि खुद नीतीश कुमार ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से इसका क्रेडिट खुद लेने से बचने की सलाह दी है, उन्होंने भी कहा है कि जब तक पूरे देश में जातीय जनगणना करवा कर दलित पिछड़ी जातियों को उनका वास्तविक हक नहीं दिया जाता है, तब तक यह लड़ाई अधूरी है, अब राहुल गांधी भी उसी लाइन पर आगे बढ़ते दिख रहे हैं, कहा जा सकता है कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के साथ ही एक बार फिर जातीय जनगणना की मांग तेज होती नजर आ रही है.
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