रांची(RANCHI)- सारे राजनीतिक विश्लेषकों का आकलन और मीडिया रिपोर्टों से अलग हट समय की मांग करने के बजाय सीएम हेमंत ने सीधे-सीधे ईडी को चुनौती देने का रास्ता चुना, लगभग सभी मीडिया चैनलों में एक ही बात चलायी जा रही थी कि सीएम हेमंत अपने किसी प्रतिनिधि को भेज कर समय की मांग करने वाले हैं, कई पोर्टलों और चैनलों पर तो यह दावा भी किया गया कि 15 अगस्त के व्यस्त कार्यक्रम का हवाला देते हुए एक सप्ताह का मोहलत देने की मांग की गयी है, लेकिन ये सारे आकलन आखिरकार गलत साबित हुए, और सीएम हेमंत ने किसी शौर्टकट की बजाय इस बार सीधे-सीधे ईडी से टकराने का फैसला कर लिया.
सीएम का जबाव
दावा किया जाता है कि सीएम हेमंत ने ईडी के समन के जबाव में कहा है कि आप इस पूरी कार्रवाई को सिर्फ इसलिए अंजाम दे रहे हैं, क्योंकि दिल्ली पर राज करने वाली पार्टी से हमारा रिश्ता नहीं है. और सिर्फ इसी आधार पर एक निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही है, मेरी सारी संपत्तियों की जानकारी आयकर विभाग को दे दी गयी है, जिसे स्वीकार भी किया गया है. लेकिन ईडी का इरादा कुछ और है, वह इस मामले को गलत इरादे से खोलने का मंशा रखती है, इसके बाद सीएम हेमंत ने बेहद सख्त लहजे में कहा कि या तो ईडी इस समन को वापस ले, नहीं तो मेरे पास कानूनी कार्रवाई के सिवा को दूसरा रास्ता नहीं बचता.
सीएम हेमंत ने एक और बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जब पूरा देश स्वाधीनता दिवस की तैयारियों में जुटा था, और ईडी को इस बात की जानकारी थी कि किसी भी राज्य के मुखिया को इस वक्त कितना व्यस्त कार्यक्रम होता है, बावजूद इसके 14 अगस्त को समन जारी कर बुलावा भेजना महज इत्तेफाक नहीं, बल्कि यह सब कुछ जान-बूझकर किया गया. यह सिर्फ मेरा नहीं पूरे राज्य की जनता की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास है.
साफ है कि जिस प्रकार से सीएम हेमंत ने इस मुद्दे को झारखंड की प्रतिष्ठा से जोड़ कर ईडी को अपना जवाब नहीं बल्कि कहें तो चेतावनी भेजा है, उसके बाद ईडी और सीएम हेमंत की भिड़त काफी दिलचस्प होने वाली है. जानकारों का मानना है कि ईडी की ओर से अभी और भी समन जारी किये जा सकते हैं, जबकि सीएम हेमंत ईडी के इस समन को कोर्ट में घसीटने की तैयारी में हैं.
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