रांची(RANCHI)- सीएम हेमंत आज ओड़िसा स्थित कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस स्कूल (किस में 40 हजार छात्रों को संबोधित करने वाले हैं. संस्थान की ओर से उन्हे आदिवासी छात्रों के कार्यक्रम को संबोधित करने का आमंत्रण मिला है.
उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के छात्रों को दी जा रही है शिक्षा
ध्यान रहे कि इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस स्कूल को पूरी दुनिया का पहला आदिवासी विश्वविद्यालय माना जाता है. उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के 62 आदिवासी और 13 विलुप्त आदिवासी समुदाय के करीबन चालीस हजार छात्र- छात्राओं को यहां मुफ्त शिक्षा प्रदान की जा रही है. संस्थान की कोशिश निकट भविष्य में इन छात्रों की संख्या को बढ़ाकर कर करीबन दो लाख करने की है.
वर्ष 1993 में हुई थी शुरुआत
इसके संस्थापक अच्युता सामंत का दावा है कि अपने शुरुआती जीवन से ही सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले मुख्यधारा से दूर आदिवासी समुदाय के इन बच्चों के लिए कुछ करने की तमन्ना थी, लेकिन इसकी औपचारिक शुरुआत वर्ष 1993 में हुई. हमारी कोशिश सिर्फ उन्हे शिक्षा प्रदान करने की नहीं है बल्कि उन्हे एक बेहतर इंसान बनाने की है, उन्हे स्वरोजगार और स्वालंबन की राह पर चलने के लिए प्रेरित करने की भी है.
आदिवासी छात्र छात्रों के बीच संबोधन एक रोमांचाकारी अनुभव
निश्चित रुप से सीएम हेमंत के लिए भी इन आदिवासी छात्र छात्रों के बीच संबोधन करना एक रोमांचाकारी अनुभव होगा. समाज के सबसे पिछड़ें और उपेक्षित समुदाय के प्रति संस्थान की इस सेवा से प्रेरित होकर झारखंड में भी कुछ इस तरह की पहल की जा सकती है. क्योंकि आज भी झारखंड के सुदूरवर्ती इलाकों में बस इस समुदाय की स्थिति बेहद दयनीय है, आज भी यह समुदाय ड्राप आउट की समस्या से जुझ रहा है. आजादी के करीबन 75 वर्षों के बाद भी यह समुदाय आज भी भुखमरी और कुपोषण का शिकार है.
4+