रांची(RANCHI) रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों को खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच का आदेश देने के बाद सीएम हेमंत ने अब एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) को मिसफिका हसन के खिलाफ पीई दर्ज करने का आदेश प्रदान कर दिया है, सीएम हेमंत की इस कार्रवाई को झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े जंग की शुरुआत मानी जा रही है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और कुछ लोगों के खिलाफ जांच का आदेश दिया जा सकता है.
कौन है मिसफिका हसन
ध्यान रहे कि यह वही मिसफिका हसन हैं, जिनका रघुवर सरकार में जलबा चलता था, अधिकारी से लेकर पार्टी पदाधिकारी तक उसकी जी हुजूरी में लगे रहते थें. मिसफिका का यह जलबा सिर्फ झारखंड भाजपा में ही नहीं था, बल्कि उसकी तूती पश्चिम बंगाल भाजपा में बोलती थी. आज के दिन भी वह पश्चिम बंगाल प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा की सह प्रभारी, प्रदेश प्रवक्ता है.
मुखिया रहते करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने का आरोप
वर्ष 2016 से 2018 के दौरान पाकुड़ जिले के ईलामी पंचायत की मुखिया रहते हुए मिसफिका पर करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने आरोप है. इस आरोप को सामने आने के बाद एसीबी ने जमशेदपुर में मामला दर्ज किया था. दावा किया जाता है कि इस अवैध कमाई से आठ जमीनों का निबंधन करवाया गया था, साथ ही करोड़ों रुपये के दूसरी परिसंपत्तियां भी अर्जित की गयी थी. अब सीएम हेमंत ने एसीबी की ओर से मांगी गयी पीई दायर करने की अनुमति पर अपनी सहमति प्रदान कर दी गयी है.
किन मंत्रियों को खिलाफ दिया गया था जांच का आदेश
ध्यान रहे कि इसके पहले सीएम हेमंत ने रघुवर शासन काल में मंत्री रहे अमरी बाउरी, रणधीर सिंह, नीरा यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा और लईस मरांडी के खिलाफ पीई दायर करने के अनुरोध को अनुमति प्रदान किया था और अब मिसफिका हसन के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है.
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