Ranchi-पांचवें चरण के मतदान के बीच आदिवासी सेंगेल अभिय़ान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने दावा किया है कि इस चुनावी संघर्ष में जीत किसी भी पार्टी और गठबंधन की हो, लेकिन हार आदिवासी समाज के हिस्से आने वाली है. पूरे चुनावी संघर्ष में एनडीए और इंडिया की बात तो हो रही है, लेकिन इस विमर्श से आदिवासी समाज के मुद्दे गायब हैं. आदिवासी समाज कहीं से भी इस चुनाव का मुद्दा बनता नजर नहीं आ रहा. दोनों ही गठबंधनों के द्वारा आदिवासी समाज को सिर्फ वोट बैंक के रुप में इस्तेमाल किया जा रहा है. खुद आदिवासी समाज के नेतृत्वकर्ता भी आदिवासी समाज के मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं है. और यही कारण है कि झारखंड, बंगाल, ओडिशा और अमस में इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद आदिवासी समाज का मुद्दा चुनावी विर्मश में आता नहीं दिखता, इस हालत में इन राज्यों में भले ही जीत किसी भी पार्टी और गठबंधन की हो, लेकिन हार आदिवासी समाज की होगी.
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से तुलना गलत
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से तुलना को गलत बताते हुए सालखन मुर्मू ने दावा किया अरविंद केजरीवाल की पहचान उनका केजरीवाल गुड गवर्नेंस और भ्रष्टाचारमुक्त सरकार के संचालन के कारण है, वहीं हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हैं. सोरेन परिवार ने सिर्फ खनन लूट ही नहीं किया, बल्कि मरांग बुरु को भी जैनों के हाथों बेच दिया, संथाल होकर भी सोरेन परिवारा संथाली भाषा और ओल चिकि लिपि का विरोधी है, उसने सिर्फ आदिवासी समाज के हाथ में 1932 का झुनझुना थाम दिया है. जबकि आदिवासी समाज का सुरक्षा कवच से सबसे ज्यादा खिलवाड़ सोरेन परिवार ने ही किया.
भाजपा के दिल में आदिवासी समाज के लिए कोई सम्मान नहीं
सालखन मुर्मू ने दावा कि भाजपा के दिल में आदिवासी समाज के लिए कोई सम्मान नहीं है, वह तो उसे सिर्फ एक वोट बैंक मानता है, पूरे आदिवासी समाज को जबरिया हिन्दू बनाना चाहता है, उसकी पूरी संस्कृति और पंरपरा को ध्वस्त करना चाहता है. राहुल गांधी के द्वारा सरना धर्म कोड प्रदान करने को स्वागत योग्य कदम मानने हुए सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासी सेंगेल अभिय़ान राहुल गांधी के इस घोषणा का स्वागत करती है, अब देखना होगा कि कांग्रेस इस वादे को कब पूरा करती है.
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