तीन दशकों बाद भाजपा को आयी वीपी सिंह की याद! राजद का पलटवार किसने गिरायी थी मंडल मसीहा की सरकार

जातीय जनगणना के आंकड़ों का प्रकाशन और उसके बाद पिछड़ी अति पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण विस्तार के फैसले के बाद भाजपा को यह एहसास हो चला है कि नीतीश के इस मास्ट्रर स्ट्रोक में उसकी सियासी जमीन हिल चुकी है, और यही कारण है कि वह किसी भी हालत में अपने आप को जातीय जनगणना और पिछड़ो के लिए आरक्षण विस्तार का विरोधी साबित नहीं करना चाहती,

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