Patna- जाते-जाते 2023 का वर्ष राज्य के पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी लेकर आयी. नीतीश सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनने का रास्ता साफ कर दिया है. यहां ध्यान रहे कि नियोजित शिक्षकों के द्वारा लम्बे समय से इसकी मांग की जा रही थी, धरना-प्रदर्शन का दौर जारी था, बार-बार सरकार की ओर से आश्वासन भी दिया जा रहा था, लेकिन आखिरकार आज सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. इस अधिसूचना के बाद पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त सारे कार्यरत शिक्षक राज्यकर्मी माने जाएंगे.
बीपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए तीन अवसर
हालांकि इसके लिए नियोजित शिक्षकों को बीपीएससी की ओर से आयोजित एक परीक्षा का पास करना होगा, इस परीक्षा पास करने के लिए तीन अवसर प्रदान किये जायेंगे. लेकिन फैसले में कहीं भी इस बात की चर्चा नहीं कि परीक्षा में असफल रहने वाले नियोजित शिक्षकों का क्या होगा, वैसे वे आज से ही विशिष्ट शिक्षक कहलायेंगे, इस प्रकार उनके उपर नियोजित शिक्षका का लगा टैग समाप्त हो जायेगा. सरकार के फैसले के अनुसार अब इन शिक्षकों को प्रोनन्नती का लाभ भी मिलेगा. कक्षा 1 से 5 के शिक्षकों को 8 वर्ष में प्रोन्नति दी जाएगी, तो कक्षा 6 से 8 में आठ वर्ष, 9 से 10 और 11 से 12 के शिक्षकों को भी आठ वर्ष में ही प्रोन्नति का लाभ मिलेगा.
बीपीएससी की परीक्षा पास करना शिक्षकों के सामने एक बड़ी चुनौती
नीतीश सरकार के इस फैसले को 2024 के लोकसभा चुनाव से भी जोड़ कर देखा जा रहा है, दावा किया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के पहले नीतीश कुमार की ओर से शिक्षकों को खुश करने की यह बड़ी कवायद है, हालांकि देखना होगा कि नीतीश कुमार को इसका सियासी लाभ मिलता है या नहीं. क्योंकि शिक्षकों का एक बड़ा तबका बीपीएससी की परीक्षा को लेकर आंशकित है, उनका दावा है कि यदि बीपीएससी की ओर से किसी परीक्षा का आयोजन होता है तो उसे पास करना भी अपने आप में एक बड़ी चुनौती होती है, नियोजित शिक्षक लम्बे समय से सिर्फ अपने विषय पर फोकस कर रहे हैं, इस हालत में उनके सामने सारे विषयों में परीक्षा पास करना एक चुनौती होगी.
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