Ranchi-राज्य में जारी सियासी तपिश के बीच 31 जनवरी को सीएम हेमंत का ईडी कार्यालय पहुंचे की खबर आयी है, इसकी पुष्टि करते हुए ईडी ने बताया गया कि सीएम कार्यालय की ओर से 31 जनवरी को ईडी दफ्तर पहुंचने का मेल प्राप्त हुआ है. यहां बता दें कि पिछली पूछताछ के बाद ईडी की ओर से सीएम हेमंत को एक बार फिर से 27 जनवरी से 31 जनवरी के बीच में किसी भी दिन का निर्धारण करने का पत्र भेजा गया था, ताकि उनके साथ आगे की पूछताछ की जा सकें. लेकिन ईडी के इस पत्र के बाद सीएम हेमंत की ओर से एक जवाब भेजते हुए मार्च महीने तक अपनी अति व्यस्तता का हवाला देते हुए ईडी कार्यालय आने में अपनी असमर्थता जताई गयी थी. लेकिन अब ईडी की ओर से यह दावा सामने आया है कि सीएम हेमंत 31 जनवरी को ईडी कार्यालय पहुंच कर ईडी के तमाम सवालों का जवाब पेश करेंगे.
आज ही सुबह सीएम हेमंत के दिल्ली स्थित आवास पर ईडी की हुई थी दस्तक
यहां यह भी बता दें कि आज ही सीएम हेमंत के दिल्ली दफ्तर में ईडी की दस्तक हुई थी, जिसके बाद सीएम हेमंत को लेकर गुमशुदगी के दावे किये जा रहे थें, सारे मीडिया चैनलों और बेबसाईटों की यह सुर्खियां थी कि सवालों से भागते हेमंत सोरेने की खोज में ईडी उनके दिल्ली आवास तक पहुंच चुकी है, कुछ चैनलों ने तो सीएम हेमंत के साथ पूछताछ होने की खबर भी चला दी, हालांकि कुछ ही देर बार यह खबर सामने आयी कि सीएम हेमंत अपने दिल्ली आवास में मौजूद नहीं है, और ईडी सीएम हेमंत के बजाय उनके कर्मियों से सवाल दाग रही है, साथ ही आवास पर रखे गये कागजातों को खंगाला जा रहा है. और इसके साथ ही सीएम हेमंत कहां है, किस हालत में हैं, इसकी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया, सीएम हेमंत को लेकर कई तरह के दावे किये जाने लगें.
बाबूलाल से लेकर निशिकांत ने सीएम हेमंत की गुमशुदगी के किये थें दावे
पूर्व सीएम बाबूलाल ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा था कि “ईडी अधिकारियों के डर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के लापता होने की सूचना न्यूज चैनलों के माध्यम से प्राप्त हो रही है. अगर इस खबर में सत्यता है तो, यह झारखंड के लिए संवैधानिक संकट की स्थिति है। महामहिम राज्यपाल से निवेदन है कि वो मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री को तलब कर जांच एजेंसी से भागने का कारण पूछें. झारखंड की साख और प्रतिष्ठा दांव पर है। अपनी इन हरकतों से हेमंत ने हमारे आदिवासी समाज की प्रतिष्ठा और गौरव को मिट्टी में मिलाने का काम किया है। झारखंड डीजीपी ये जबाव दें कि, मुख्यमंत्री हेमंत सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़कर रात को कैसे बाहर निकल कर भाग सकता है? सीएम की सुरक्षा में लगे कर्मियों को बर्खास्त करें और तत्काल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को सुरक्षित रूप से हाजिर करें। आखिर एक राज्य का मुख्यमंत्री भगोड़ा कहलाने का पाप कैसे कर सकता है? शर्मनाक!” अभी बाबूलाल के इस बम की गूंज सामने आयी भी नहीं थी कि इस बीच भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने दूसरा बम फोड़ा, सोशल मीडिया पर अवतरित होते हुए निशिकांत दूबे ने लिखा कि “मैंने पहले ही कहा था कि झारखंड सरकार का महाधिवक्ता मेरे झारखंड के आन बान और शान वीर शिबू सोरेन जी के बेटे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को भगौड़ा घोषित कर देगा। आज मेरी बात सही साबित होती दिख रही है।मीडिया के ख़बरों के अनुसार या तो हेमंत सोरेन जी भाग गए दिल्ली से या तो बीमार हो गए या तो अपहरण हो गया,झारखंड के राज्यपाल जी को उनके सुरक्षा अधिकारी को बर्खास्त करना चाहिए।झारखंड का नाक कट गया”
Big Breaking- दिल्ली स्थित आवास पर ईडी की टीम, लेकिन सीएम आवास में हेमंत की मौजूदगी नहीं
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