बाहरी है बन्ना, मंत्री बनाना मूलवासियों की हकमारी, “खांटी झारखंडी” अम्बा को आगे करे महागठबंधन, अब योगेन्द्र साव ने छेड़ा बाहरी-भीतरी का राग

खबर यह भी है कि विधान सभा सत्र से पहले 22 फरवरी को सत्तारुढ़ गठबंधन की बैठक में इन विधायकों के साथ ही वेणुगोपाल भी हिस्सा लें, इसके साथ ही सरकार और संगठन में समन्वय को और भी कैसे धारदार बनाया जाय, इसकी भी समीझा करेंगे. लेकिन मुख्य सवाल यह है कि इन नाराज विधायकों को कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने जिस अनुशासन और जनसरोकारता की घुट्टी पिलायी है, उसका असर इन विधायकों पर कितने समय के लिए होगा? या फिर यह सारा “उपदेश” राजधानी रांची लैंड करते ही हवा हवाई साबित होगा और बजट सत्र के दौरान एक और सियासी भूचाल की झलक देखने को मिलेगी.

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