Ranchi- शराब घोटाले की आड़ में हेमंत सरकार पर हमलावर बाबूलाल पर झामुमो ने बड़ा पलटवार किया है. ईडी की छापेमारी के बाद जिस योगेन्द्र तिवारी को भाजपा झामुमो फंडर बता रही थी, अब झामुमो उसी योगेन्द्र तिवारी को बाबूलाल का खासमखाश बता रही है.
शराब घोटाले में झामुमो की ओर से मोर्चा खोलते हुए झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बाबूलाल के सामने प्रश्नों की छड़ी लगी दी. सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया संथाल परगना बिल्डर्स प्राईवेट लिमिटेड से डायरेक्टर योगेन्द्र तिवारी है, योगेन्द्र तिवारी के साथ ही इस कंपनी के दो डायरेक्टर और है. इसमें से एक रमिया मरांडी बाबूलाल के भाई छोटे मरांडी का बेटा है, दूसरा डायरेक्टर लालिमा तिवारी सुनिल तिवारी की पत्नी है और तीसरा खुद योगेन्द्र तिवारी है. क्या बाबूलाल इस सच्चाई को झूठला सकते हैं कि इस कंपनी में उनकी काली कमाई का निवेश है. इस कंपनी ने संथाल में करोड़ों की जमीन खरीदी है और यही कंपनी सिमडेगा में शराब का कारोबार करती है. अब शराब की कमाई करें बाबूलाल और आरोप लगे झामुमो पर.
संथाल परगना बिल्डर्स प्राईवेट लिमिटेड की जांच करे ईडी
संथाल परगना बिल्डर्स प्राईवेट लिमिटेड के विरुद्ध ईडी जांच की मांग करते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यदि ईडी को इसके बाद भी किसी सबूत की जरुरत है तो वह उसे देने को तैयार हैं, लेकिन वह जांच तो शुरु करें.
बाबूलाल को ईमानदारी की सीख देते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भ्रष्टाचार के दलदल में गोता लगाने वाले आज ईमानदारी की बात कर रहे हैं, दूसरे पर कीचड़ उछालने के बजाय पहले बाबूलाल को खुद आईना देखना चाहिए और योगेन्द्र तिवारी के साथ क्या रिश्ता है, उसकी सच्चाई सामने लानी चाहिए, सिर्फ यह कह देने से उस कंपनी से उनका कोई वास्ता नहीं है, मामला खत्म नहीं हो जाता, जबकि उनका खुद का परिवार उस कंपनी का डायरेक्टर हैं और यह हर कोई समझ सकता है कि यह सब को पता है कि रमिया मरांडी के पास यह पैसा कहां से आ रहा है. लेकिन अपनी काली कमाई को छुपाने के लिए दूसरे पर आरोप मढ़ा जा रहा है
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