Ranchi-पीएम मोदी के झारखंड दौरे के बाद सरना धर्म कोड का मुद्दा एकबारगी गर्म हो गया है, एक तरफ जहां पीएम के दौरे के वक्त ही सरना धर्म कोड के समर्थन में आदिवासी समाज के द्वारा आत्मदाह की कोशिश करने कई खबरें आयी, और इस खबर को सामने आती ही प्रशासन के द्वारा कई गिरफ्तारियां भी की गयी, जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया गया, वहीं अब आदिवासी सेंगेल अभियान प्रमुख और पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के द्वारा 30 दिसम्बर को सम्पूर्ण भारत बंद की घोषणा की गयी है.
सरना धर्म कोड पर प्रधानमंत्री की चुप्पी बेहद खतरनाक
सालखल मुर्मू ने झारखंड दौरे के वक्त सरना धर्म कोड पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा है कि सरना धर्म कोड की घोषणा नहीं करना प्रकृति पूजकों की भावनाओं के साथ घोर अपमान है, और आदिवासी समाज किसी भी कीमत पर इस अपमान को बर्दास्त नहीं कर सकता. पीएम मोदी ने सब कुछ दिया, लेकिन सरना धर्मियों को उनकी आत्मा नहीं दी. जिसके कारण पूरा सरना समाज आज दूखी है. इसके साथ ही सालखन मुर्मू ने रायरंगपुर थाना इंचार्ज रोजलिना बेहरा के उपर सेंगेल अभियान के महिला मोर्चा के ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष मल्हो मार्डी को लात जूते से पिटाई का आरोप भी लगाया, उन्होंने दावा कि जब वह सरना धर्म कोड की मांग के समर्थन में अनशन कर रही थी, प्रशासन के द्वारा उसे जबरन हटाने की कोशिश की गयी, इसका विरोध करने पर थाना इंचार्ज रोजलिना बेहरा के द्वारा उन पर लात और जूते से पिटाई की गयी.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पति द्रोपदी मुर्मू से लगायी गयी हस्तक्षेप की गुहार
सालखन मुर्मू ने सरना धर्म कोड के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भी लिखा है, उक्त पत्र में ओडिशा सरकार के उस फैसले पर हस्तक्षेप की गुहार लगायी गयी है, जिसके तहत अब कोई भी गैर आदिवासी आदिवासी समाज की जमीन खरीद सकता है. सालखन मुर्मू ने ओडिशा सरकार के इस फैसले को आदिवासी समाज के लिए डेथ वारंट बताते हुए राष्ट्रपति से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गयी है, सालखन मुर्मू ने इसके साथ ही हेमंत सरकार के उस फैसले को भी चुनौती दी है, जिसमें सीएनटी-एसपीटी की धाराओं में संशोधन कर थाना क्षेत्र को नये सिरे से परिभाषित करने की कोशिश की गयी है.
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