रांची- सीबीआई की विशेष अदालत ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ झारखंड (सीयूजे) के तत्कालीन डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. कालीपद मोहंता और मेसर्स जयंत एजेंसी के संचालक केवल चौहान को एसी घोटाले में दो-दो वर्ष की सजा का एलान किया है. विशेष न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की अदालत ने इसी मामले में मामले में एक और आरोपी और सीजेयू के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. श्याम नाराहण सिंहा को साक्ष्य के अभाव में बरी करने का फैसला सुनाया.
वर्ष 2010 में फर्जी कोटेशन के आधार पर आपूर्ति प्रदान करने का आरोप
ध्यान रहे कि कालीपद मोहंता के विरुद्ध वर्ष 2010 में जयंत चौधरी के साथ मिलीभगत कर फर्जी कोटेशन के आधार पर एसी की आपूर्ति करने का आदेश देने का आरोप था, इस मामले में कालीपद मोहंता के द्वारा खुली निविदा भी नहीं निकाली गयी थी. जबकि उन्हे निहित प्रक्रिया के तहत खुली निविदा निकालने के बाद आपूर्ति का आदेश देना था.
217 एसी की खरीद में 7.38 लाख का नुकसान का दावा
दावा किया जाता है कि इसके कारण सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ झारखंड को 217 एसी की खरीद में करीबन 7.38 लाख का नुकसान हुआ. जब इस मामले की जानकारी सामने आयी तो सीबीआई की ओर से इसकी जांच शुरु हुई. अपनी प्राम्भिक जांच में सीबीआई ने इसे भ्रष्ट्रचार का मामला बताते हुए 30 जनवरी 2014 को आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया. बाद में जांच के बाद तीन आरोपियों के खिलाफ 18 दिसम्बर 2017 को आरोप तय किया गया. अब इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. कालीपद मोहंता और मेसर्स जयंत एजेंसी के संचालक केवल चौहान को दो-दो वर्ष की सजा देने का एलान किया है. यहां यह बता दें कि हाल के दिनों में ईडी और सीबीआई के द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में कई अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है.
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