बाबानगरी में होलिका दहन के बाद होता है हर से हरि का मिलन,अद्भुत नजारे को देखने के लिए उमड़ती है भक्तों की भीड़, पढ़ें इस साल कितने बजे निर्धारित है समय     

देश के बारह पवित्र द्वादश ज्योर्तिलिंगों में से एक देवघर स्थित बैद्यनाथधाम भी शामिल है।पुराणों में बैद्यनाथधाम की महिमा का विशद उल्लेख किया गया है.यहाँ शिव और शक्ति दोनों विराजमान है.शास्त्रों के अनुसार यहां माता सती के हृदय और भगवान शिव के आत्मलिंग दोनों का समिश्रण है.यही कारण है कि यहां स्थित ज्योतिर्लिंग की महिमा का पुराणों में भी गुणगान किया गया है।जानकार बताते हैं कि सतयुग में ही इसका नाम बैद्यनाथ रखा गया था.इनकी मानें तो शास्त्रों के अनुसार त्रेता युग मे शिव के अनन्य भक्त रावण द्वारा पवित्र शिवलिंग का यहां लेकर आना और भगवान विष्णु के कर-कमलों द्वारा उसी पवित्र जगह पर शिवलिंग को स्थापित करना जहां माता सती का हृदय गिरा था इसकी पटकथा सतयुग में लिखा गया था.ऐसी ही खास विशेषताओं से अलंकृत यह शैव स्थल बाँकी तीर्थस्थलों से अलग पहचान रखता है.  

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