LS Poll Ranchi-संजय सेठ की पारी पर यशस्विनी का विराम! तीन लाख अतिरिक्त मतों का जुगाड़ करने की चुनौती

देखना होगा कि यशस्विनी सहाय तीन लाख की इस गहरी खाई को कितना पाटती है?  युवा वर्ग का साथ मिलता है या कुर्मी जाति का भरोसा? दूसरी परेशानी यह है कि 2019 के करारी शिकस्त के बाद राजधानी रांची में कांग्रेस की कोई मजबूत गतिविधि भी नहीं रही है. खुद सुबोधकांत भी इन पांच वर्षो में जमीन पर उतर कर संघर्ष करते नहीं दिखे हैं. इस हालत में देखना होगा कि कांग्रेस का यह सियासी प्रयोग कौन सा रंग खिलाता है? संजय सेठ को कितनी बड़ी चुनौती पेश होती है या फिर सिर्फ लड़ाई की औपचारिकता पूरी करने की औपचारिकता पूरी की जाती है.

LS Poll Ranchi-संजय सेठ की पारी पर यशस्विनी का विराम! तीन लाख अतिरिक्त मतों का जुगाड़ करने की चुनौती