रांची से ‘राम’ का पत्ता साफ! अब कुर्मी पॉलिटिक्स में खिलेगा 'कमल' या यशस्विनी करेगी चमत्कार

सवाल खड़ा होता है कि जिस चुनौती के पहाड़ के आगे खुद सुबोधकांत सहाय दम तोड़ गयें, लगातार हार का सामना करना पड़ा, क्या चुनौतियों के उस पहाड़ पर सियासी पेचीदगियों से अनजान उनकी बेटी यशस्विनी कोई चमत्कार करने वाली है. क्या यशस्विनी अपने चेहरे के बूते कम से कम दो लाख वोटों का अतिरिक्त जुगाड़ करने का सियासी मादा रखती है,

रांची से ‘राम’ का पत्ता साफ! अब कुर्मी पॉलिटिक्स में खिलेगा 'कमल' या यशस्विनी करेगी चमत्कार