टीएनपी डेस्क (Tnp desk):-हमास के लड़ाकों और इजरायल के बीच चल रही भयानक जंग ने तो पूरी दुनिया की नजरें खींच ली है. अभी तक 1100 से अधिक लोगों की जान चली गई है. बम-बारूद औऱ गलियों की तड़तड़ाहत से इलाका गूंज रहा है, सड़कों पर सन्नाटा पसरा है, खून से लथपथ पड़ी लाशे और फिंजा में तैरता खौफ हर वक्त जिंदगी के करवट ले लेने की तस्दीक करती है. ये लड़ाई कब खत्म होगी और कब हवाओं में फैली बारूद की गंध ओझल होगी, इसे तो कोई नहीं जनता क्योंकि दोनों तरफ खूनी सनक सवार है. हालांकि, इजरायल पर शनिवार की सुबह हमास के आतंकियों ने हमला बोलकर शेर के मांद में मानो ललकार दिया हो. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजमीन नेतान्याहू ने तो खुलेआम जंग का एलान भी कर दिया है, जो अपने दुश्मनों को बिना नेस्तानाबूत किए दम नहीं लेंगे. इजरायल को पश्चिम देशों का साथ तो मिल ही रहा है. इसके साथ ही उसका पिछला इतिहास उसकी बहादुरी की गाथा बताती है.
1967 की जंग में अरब देशों को शिकस्त
1967 की ऐतिहासिक जंग इजरायल के विजेता बनाने की और उसके पीठ थपथपाने की कहानी खुद ब खुद बंया कर देती है. छह दिन तक चले युद्ध में इजरायल ने तीन मुस्लिम देशों को शिकस्त देकर सभी को चौका दिया था. अरब देश मिस्र, सीरीया और जार्डन के साथ लड़ाई लड़ी औऱ नाको चने चबवाकर जीत हासिल किया. उस जंग के बाद तो मध्य-पूर्व का भौगोलिक नक्शा ही बदल गया. इजरायल ने इस युद्ध को जीतकर अपनी ताकत का भी अहसास करा दिया.
कैसे हुई जंग की शुरुआत
इजरायल और अरब देशों के बीच दुश्मनी की वजह राजनीतिक तनाव और सैन्य संघर्ष का परिणाम माना जाता है. दरअसल, 1948 में इजरायल के उदय के साथ ही हुई. 1949 में इजरायल औऱ अरब के बीच छिड़े युद्ध से हुई, जिसके बाद फीलिस्तीन शरर्णार्थी संकट पैदा हुआ. इस दौरान मिस्र के राष्ट्रपति गमाल अब्देल नासिर द्वारा स्वेज नहर के राष्ट्रीयकरण के बाद साल 1956 में स्वेज नहर संकट पैदा हो गया. जिसके बाद इजरायल औऱ अरब देशों के बीच दूसरी बार संघर्ष हुआ. इसके बाद सीरीया के समर्थन में फीलिस्तीन छापेमारों की तरफ से लगातार इजरायल के रक्षा बलों के खिलाफ हमले करने लगे. जिसके बाद 1967 में सीरीया के साथ इजरायल के तनाव चरम पर पहुंच गया.
200 विमानों से तीन देशों पर हमला
1967 में छह दिन चली जंग में इजरायल ने अपने वायुसेना की बदौलत दुश्मन खेमों की सारी योजनाओं को बिखेर कर रख दिया. तीन देशों के खिलाफ 18 अलग-अलग हवाई क्षेत्रों पर हमला बोलकर वायुसेना को तहस-नहस कर दिया. हालत ऐसी कर दी कि अरब देश सीरीया, जार्डन औऱ मिश्र सांस तक नही ले सके. छह दिन तक चले इस जंग में इजरायल ने मिस्र से सिनाई प्रायद्वीप , गाजा पट्टी, जार्डन से वेस्टबैंक, पूर्वी यरुशलम और सीरीया से गोल्डन हाइटस छीनकर कब्जा कर लिया.छह दिन तक चला युद्ध संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप और संघर्ष विराम समझौते के बाद खत्म हुआ. लेकिन, तब तक बहुत कुछ बदल चुका था. इजरायल ने अपनी ताकत और बादशाहत दोनों में खुद को अव्वल साबित किया.
5 जून 1967 से 10 जून तक चली ये जंग इजरायल ने जीत ली थी. किसी को यकीन नहीं था कि इजरायल अकेले दम पर अरब देशों के नींद उड़ा देगा . हालांकि, इस जंग की जीत के बाद भी हर वक्त तनातनी बनीं रहती है. सात अक्टूबर को हमास की तरफ से आतंकी हमला किया गया, इसके बाद तो फिर एकबार भयंकर जंग छिड़ी हुई है, हजार से ज्यादा की संख्या में लोग अपनी जिंदगी गंवा चुके हैं.
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